नई दिल्ली : भारत के मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ (DY Chandrachud) ने शनिवार को ई-न्यायालय परियोजना के चरण 3 के लिए 2023-24 के बजट में 7000 करोड़ रुपये आवंटित करने के सरकार के फैसले की सराहना की है. सीजेआई ने कहा कि इससे न्यायिक संस्थान बढ़ाएगा और यह सुनिश्चित होगा कि अदालतें हर नागरिक की पहुंच में हों.
CJI चंद्रचूड़ सुप्रीम कोर्ट की स्थापना की 73वीं वर्षगांठ पर बोल रहे थे. स्थापना के उपलक्ष्य में एक वार्षिक व्याख्यान श्रृंखला आयोजित करने का निर्णय लिया गया, जिसके लिए सिंगापुर के मुख्य न्यायाधीश, न्यायमूर्ति सुंदरेश मेनन को मुख्य वक्ता के रूप में आमंत्रित किया गया था. मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने भी संबोधित किया.
CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान शीर्ष अदालत ने लोगों तक पहुंचने के लिए नवीन तकनीकों को अपनाया और 3 मार्च, 2020 से 31 अक्टूबर, 2022 के बीच वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 3.37 लाख मामलों की सुनवाई की. उन्होंने कहा कि अब कोर्ट में सुनवाई का हाईब्रिड सिस्टम है.
CJI ने कहा 'हमने अदालत कक्षों में अपने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के बुनियादी ढांचे को मेटा स्केल पर अपडेट किया. हम अदालती सुनवाई के हाइब्रिड मोड की अनुमति देने के लिए ऐसे तकनीकी बुनियादी ढांचे का उपयोग करना जारी रख रहे हैं जो पार्टियों को दुनिया के किसी भी हिस्से से ऑनलाइन अदालती कार्यवाही में शामिल होने की अनुमति देता है.'
उन्होंने कहा कि 'सर्वोच्च न्यायालय का इतिहास भारतीय लोगों के दैनिक जीवन के संघर्षों का इतिहास है.' सूचीबद्ध मामलों की सुनवाई से पहले हर सुबह होने वाले मामलों के दैनिक उल्लेख के बारे में बात करते हुए, CJI ने कहा कि अदालत इन उल्लेखों के माध्यम से राष्ट्र की नब्ज को भांप लेती है और यह आश्वासन देती है कि नागरिकों को अन्याय से बचाने के लिए अदालत मौजूद है.