कोलकाता :पश्चिम बंगाल में गुरुवार को छठे चरण का मतदान होना है. चार जिलों की 43 सीटों पर मतदान होगा. इन सभी 43 निर्वाचन क्षेत्रों में भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच मुख्य मुकाबला है जबकि वाम मोर्चा के संयुक्त गठबंधन, कांग्रेस और अखिल भारतीय धर्मनिरपेक्ष मोर्चा (एआईएसएफ) भी टक्कर दे रहे हैं.
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि भाजपा ने 2016 और 2019 के बीच इन 43 निर्वाचन क्षेत्रों में अपनी संगठनात्मक ताकत को काफी मजबूत किया है. 2019 लोकसभा चुनावों के बाद वाम मोर्चा और कांग्रेस यहां लगभग सिमट कर रह गया. ऐसी स्थिति में मुकाबला वास्तव में दिलचस्प होगा.
भाजपा अपने 2019 प्रभावशाली प्रदर्शन के दम पर इन सीटों पर और बढ़त बनाने की कोशिश करेगी. दूसरी ओर तृणमूल भगवा खेमे से अपनी खोई जमीन वापस पाने की कोशिश करेगी.
वाम- कांग्रेस का वोट प्रतिशत घटा
2016 के विधानसभा चुनावों में तृणमूल ने 32 सीटें जीती थीं, कांग्रेस ने सात और वाम मोर्चा के हाथ केवल चार सीटें आई थीं. हालांकि, 2019 के लोकसभा चुनावों में तस्वीर बदल गई. बीजेपी ने 18 सीटों पर जीत दर्ज की. वाम मोर्चा और कांग्रेस को करारा झटका लगा. 2016 में इन 43 निर्वाचन क्षेत्रों में कांग्रेस का वोट शेयर 7.54 प्रतिशत था, जो 2019 में 3.79 प्रतिशत तक गिर गया. 2016 में वाम मोर्चा को 31.7 प्रतिशत वोट मिले, जो 2019 में गिरकर 9.68 प्रतिशत हो गए.