बेंगलुरु : इंसान अगर किसी चीज को पाने के लिए पूरी तरह से प्रयास करता है, तो सभी कठिनाइयों को पार कर आखिर में सफल हो ही जाता है. वृद्धावस्था में दसवीं की परीक्षा (Secondary School Leaving Certificate-SSLC) देने जैसी बात जरा-सी अटपटी लग सकती है. लेकिन, ऐसा ही कर्नाटक (Karnataka) के एक 60 वर्षीय व्यक्ति ने कर दिखाया है. कोलार जिले के मंजूनाथ 60 साल की उम्र में दसवीं की परीक्षा दे रहे हैं.
मंजूनाथ कोलार शहर के कुरुबारपेटे (Kurubarapete in Kolar city) के रहने वाले हैं और अपने राज्य के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गए हैं. पुलिस विभाग (Police Department) में कार्यरत मंजूनाथ (Manjunath) ने अपने से कम उम्र के बच्चों के साथ बैठकर परीक्षा देने का फैसला भी एक खास वजह से किया.
दरअसल, मंजूनाथ के दसवीं पास नहीं होने के कारण उनका विभागीय प्रमोशन रूका हुआ है. अपने प्रमोशन को पाने के लिए ही उन्होंने दसवीं की परीक्षा पास करने की ठान ली और अब कोलार जूनियर कॉलेज (Junior College, Kolar) के परीक्षा केंद्र (examination center) में चल रही SSLC की परीक्षा दे रहे हैं.