देहरादून (उत्तराखंड): पहाड़ी प्रदेश उत्तराखंड में पिछले कुछ दिनों से फिर से लगातार बारिश हो रही है. बीच में कुछ दिनों की राहत के बाद एक बार फिर भारी बारिश ने पहाड़ से मैदान तक आम जन-जीवन अस्त व्यस्त कर दिया है. उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों से लगातार आ रही डरावनी तस्वीरों ने चारधाम यात्रा पर आ रहे श्रद्धालुओं के कदम रोक दिए हैं. स्थिति ये है कि प्रदेश के तमाम पर्वतीय क्षेत्रों में आपदा जैसे हालात बन गए हैं. जिसके चलते अन्य राज्यों से प्रदेश में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में कमी देखी जा रही है. साथ ही आपदा से राज्य को होने वाला नुकसान भी लगातार बढ़ता जा रहा है.
16 अगस्त तक प्रदेश में रेड अलर्ट जारी:मौसम विज्ञान केंद्र ने 16 अगस्त तक प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश की संभावना जताते हुए रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. इसका असर प्रदेश के मैदानी जिलों से लेकर पर्वतीय जिलों में देखा जा रहा है. दरअसल, पिछले 72 घंटे के भीतर प्रदेश में हुए भारी बारिश के चलते आम जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है. आलम यह है कि प्रदेश की तमाम सड़के न सिर्फ क्षतिग्रस्त हो गई है बल्कि कई गांव का संपर्क ही टूट गया है. प्रदेश में लगातार बिगड़ती स्थिति ने सरकार और शासन प्रशासन की चिताओं को और अधिक बढ़ा दिया है.
उत्तराखंड में मानसून सीजन में बदरा जमकर बरसे. पढ़ें- उत्तराखंड में आपदा से अब तक 650 करोड़ के नुकसान का आकलन, जायजा लेकर वापस लौटी केंद्रीय टीम लैंडस्लाइड की घटनाओं ने बढ़ाई परेशानी:प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश के चलते लैंडस्लाइड की घटना भी लगातार बढ़ती जा रही है. पिछले कुछ दिनों के भीतर प्रदेश के तमाम जगहों पर लैंडस्लाइड की घटना हुई है. जिसके चलते कई लोगों की मौत भी हुई है. यही वजह है कि उत्तराखंड सरकार लगातार जनता से अपील करती नजर आ रही है कि बेवजह पर्वतीय मार्गों पर यात्रा ना करें. इसके अलावा उत्तराखंड चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं से भी खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस बाबत अपील किया है कि मौसम की सटीक जानकारी लेने के बाद भी अपनी यात्रा शुरू करें.
उत्तराखंड में आपदा के बाद आई आफत पढ़ें-मालदेवता में नदी किनारों को घेरकर बने हैं रिजॉर्ट, रास्ता बनाने को सैलाब ने मचाई तबाही आपदा में अबतक 60 लोगों की मौत:राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार 15 जून से 12 अगस्त तक आपदा की वजह से 60 लोगों की मौत हो चुकी है. 37 लोग घायल हैं. आपदा में अभी भी 17 लोग लापता हैं. इसके अलावा इस आपदा की वजह से 62 बड़े पशु, 462 छोटे पशुओं की भी जाने गई हैं. यही नहीं, भारी बारिश और भूस्खलन के चलते 1167 मकानों को थोड़ा नुकसान, 123 मकान को करीब आधा नुकसान और 33 मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं.
प्रदेश की 188 सड़कें प्रभावित: प्रदेश में भारी बारिश के चलते सड़कों को काफी अधिक नुकसान हुआ है. राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश के 6 जिलों में कुल 13 राज्य मार्ग अवरुद्ध हैं. प्रदेश के 10 जिलों में कुल 139 ग्रामीण मार्ग अवरुद्ध हैं. प्रदेश के 6 जिलों में कुल 9 मुख्य जिला मार्ग अवरुद्ध हैं. पौड़ी जिले में कुल 25 पीएमजीएसवाई अवरुद्ध हैं. इसके साथ ही टिहरी जिले के दो नेशनल हाईवे अवरुद्ध हैं. कुल मिलाकर प्रदेश की इस आफत की बारिश के चलते 188 सड़कें, लैंडस्लाइड बोल्डर के गिरने और भारी बारिश के चलते प्रभावित हुए हैं.
मानसून सीजन में चारों ओर आफत पढ़ें-भूस्खलन का एपिसेंटर बन रही केदारघाटी, हजारों लोगों की मौत से बना 'कब्रगाह' रुद्रप्रयाग जिले को हुए सबसे ज्याजा नुकसान:प्रदेश के जिलों की अगर बात करें तो रुद्रप्रयाग जिले के गौरीकुंड में तीन दुकानों के क्षतिग्रस्त होने से 23 लोग प्रभावित हुए हैं, जिसमें से 7 लोगों के शवों को निकाल लिया गया है. 16 लोग अभी भी लापता है. लापता लोगों के राहत-बचाव का कार्य जारी है. लगातार भारी बारिश के चलते राहत बचाव कार्य प्रभावित हो रहा है. रुद्रप्रयाग जिले में 3 राज्य मार्ग और 19 ग्रामीण मोटर मार्ग अभी भी अवरुद्ध हैं. इसके साथ ही रुद्रप्रयाग गौरीकुंड मार्ग के तरसाली में की चपेट में आने से एक कार मलबे में दब गई, जिसे निकालने के बाद मलबे से 5 शव बरामद हुए हैं.
केदारनाथ हाईवे पर तरसाली के पास मलबे में दबा वाहन पढ़ें- चमोली को लगी किसकी नजर? कभी रैणी में आपदा तो कभी जोशीमठ में दरारें, एसटीपी करंट की घटना ने भी रुलाया उधमसिंह नगर में 107 परिवार प्रभावित: भारी बारिश से चलते उधम सिंह नगर जिले क्षेत्र में उत्पन्न हुई. इस जिले में जल भराव की समस्या उत्पन्न होने के चलते 107 परिवार यानी 420 लोग प्रभावित हुए हैं. इन प्रभावित परिवारों के लिए सितारगंज, खटीमा और काशीपुर में 8 जगहों पर राहत शिविर कैंप लगाए गए हैं. इन सभी प्रभावित लोगों को ठहराया गया है. इन सभी प्रभावित परिवारों के लिए खाद्य सामग्री प्रशासन की ओर से उपलब्ध कराई गई है. साथ ही काशीपुर तहसील का एक पुल भी क्षतिग्रस्त है.
पौड़ी जिले में आफत की बारिश: भारी बारिश के चलते पौड़ी जिले में सबसे ज्यादा सड़कें प्रभावित हुई हैं. कोटद्वार दुगड्डा राष्ट्रीय राजमार्ग 119 पर आने से यातायात अवरूद्ध हुआ है. इसके साथ ही पौड़ी जिले में तीन राजमार्ग, दो मुक्त जिला मार्ग, 21 ग्रामीण मार्ग और पीएमजीएसवाई के 25 मार्ग अवरूद्ध हुए हैं. इसके अलावा कोटद्वार तहसील के रतनपुर-गड़ीघाट बस्ती झूलापुल की एप्रोच रोड की जड़ तक क्षतिग्रस्त होकर खोह नदी में बह गई. इसके चलते आवाजाही पूरी तरह से प्रभावित है.
रुद्रप्रयाग जिले को हुए सबसे ज्याजा नुकसान पढ़ें- CM धामी ने किया कोटद्वार में आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा, अधिकारियों को दिए ये निर्देश अन्य जिले में प्रभावित सड़कें: टिहरी जिले में दो राष्ट्रीय राजमार्ग, 2 राजमार्ग, एक मुख्य जिला मार्ग और 18 ग्रामीण मार्ग अभी भी अवरुद्ध हैं. नैनीताल जिले में दो राज्य मार्ग और 14 ग्रामीण मार्ग अवरुद्ध हैं. उत्तरकाशी जिले में एक मुख्य जिला मार्ग और 6 ग्रामीण मार्ग अवरुद्ध हैं. देहरादून जिले में दो राजमार्ग और 16 ग्रामीण मार्ग अवरुद्ध हैं. चमोली जिले में एक राज्य मार्ग, एक मुख्य जिला मार्ग, दो अन्य जिला मार्ग और 28 ग्रामीण मोटर मार्ग अभी भी अवरुद्ध हैं. पिथौरागढ़ जिले में 9 ग्रामीण मार्ग अवरुद्ध हैं. चंपावत जिले में तीन ग्रामीण मार्ग अवरूद्ध हैं. बागेश्वर जिले में दो मुख्य जिला मार्ग और 5 ग्रामीण मार्ग अवरुद्ध हैं.
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सड़क दुर्घटना में 50 लोगों की हुई मौत: उत्तराखंड में लगातार हो रही भारी बारिश के चलते सड़क दुर्घटनाएं भी लगातार बढ़ती जा रही हैं. राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार 15 जून से 12 अगस्त तक सड़क दुर्घटनाओं में 50 लोगों की मौत हो चुकी है. इन दुर्घटनाओं में 158 लोग घायल हुए हैं. इसके साथ ही 3 लोग अभी भी लापता हैं.
उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश पढ़ें-पहाड़ से मैदान तक भारी बारिश से हाहाकार, बेरीनाग में दो मकान ध्वस्त, मलबा आने से बदरीनाथ हाईवे बाधित आफत की बारिश के बाद चारधाम यात्रा प्रभावित:उत्तराखंड में लगातार हो रही भारी बारिश के चलते उत्तराखंड चार धाम यात्रा भी काफी अधिक प्रभावित हुई है. दरअसल, हर मानसून सीजन में चार धाम यात्रा की रफ्तार सुस्त हो जाती है. उत्तराखंड में पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश के चलते बने आपदा जैसे हालात और प्रदेश के तमाम हिस्सों से आ रही डरावनी तस्वीरों के चलते भी चार धाम यात्रा पर और अधिक असर पड़ रहा है. वर्तमान स्थिति यह है कि रोजाना चारधाम के दर्शन करने करीब साढ़े चार हजार श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. यही नहीं, चार धाम यात्रा मार्गो पर श्रद्धालुओं के मौतों का आंकड़ा भी लगातार बढ़ता जा रहा है. चारधाम यात्रा शुरू होने के बाद से 12 अगस्त तक 180 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है.
उत्तराखंड में आपदा के चलते अब तक 60 लोगों मौत,