नई दिल्ली : विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation-WHO) ने कहा कि दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र में अनुमानित 60 मिलियन लोग क्रोनिक हेपेटाइटिस बी और लगभग 10.5 मिलियन लोग क्रोनिक हेपेटाइटिस सी के बीच रह रहे हैं. ऐसे में वायरल हेपेटाइटिस 2030 तक एक सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरा बन जाएगा जिसे खत्म करने के लिए कार्रवाई तेज कर दी गई है.
वैश्विक स्तर पर, अनुमानित 296 मिलियन लोगों पर क्रोनिक हेपेटाइटिस बी (chronic hepatitis B) और लगभग 58 मिलियन लोगों पर क्रोनिक हेपेटाइटिस सी (chronic hepatitis C) का खतरा मंडरा रहा है.
हेपेटाइटिस बी के सुरक्षित और प्रभावी एंटीवायरल दवाओं की मौजूदगी के बावजूद 2019 में वायरल हेपेटाइटिस के कारण वैश्विक स्तर पर लगभग 1.1 मिलियन मौतें हुईं. 2019 में इस क्षेत्र में लगभग 180,000 लोगों की मृत्यु हेपेटाइटिस बी से हुई और लगभग 38,000 लोगों की जान हेपेटाइटिस सी से चली गई.
डब्ल्यूएचओ के दक्षिण-पूर्व एशिया के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. पूनम क्षेत्रपाल सिंह ने कहा कि इस क्षेत्र ने हाल के वर्षों में वायरल हेपेटाइटिस के लिए अपनी क्षेत्रीय कार्य योजना (Regional Action Plan) के अनुरूप हेपेटाइटिस की रोकथाम में महत्वपूर्ण प्रगति हासिल की है. क्षेत्र के 11 सदस्य राज्यों में से नौ ने हेपेटाइटिस बी के टीके की तीसरी खुराक 90 प्रतिशत से अधिक लोगों को दिलाया है.