लक्सर:हरिद्वार जनपद के लक्सर में चेक बाउंस मामले में कोर्ट ने 10 साल बाद फैसला सुनाया है. कोर्ट ने आरोपी को 6 महीने की सश्रम कारावास और साढ़े तीन लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है. जुर्माना अदा नहीं करने पर आरोपी को 15 दिन की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. घटना साल 2013 की है, जब लक्सर के सीमली मोहल्ला निवासी राजेश शर्मा ने डोसनी गांव निवासी समय सिंह के खिलाफ कोर्ट में चेक बाउंस के मामले में याचिका दायर की थी.
उत्तराखंडः 10 साल पहले बाउंस हुआ 2 लाख का चेक, अब देने होंगे साढ़े 3 लाख रुपये, जेल भी होगी
लक्सर न्यायिक मजिस्ट्रेट नंदिता काला की अदालत ने चेक बाउंस मामले में 10 साल बाद फैसला सुनाया है. साथ ही कोर्ट ने आरोपी को 6 महीने की जेल और साढ़े तीन लाख की रकम अदा करने का फैसला सुनाया है.
लक्सर के सीमली मोहल्ला निवासी राजेश शर्मा ने न्यायिक मजिस्ट्रेट लक्सर की कोर्ट में याचिका दायर कर बताया था कि रेलवे में खलासी के पद पर कार्यरत डोसनी गांव निवासी समय सिंह ने 14 मार्च 2012 को दो लाख रुपये उधार लिए थे. उसने एक साल के भीतर रकम लौटाने का वादा किया था. एक साल बाद जब 18 मार्च 2013 को समय सिंह ने उन्हें दो लाख का चेक दिया. चेक बैंक में जमा करने के बाद खाते में पैसा नहीं होने के कारण बाउंस हो गया.
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ऐसे में राजेश शर्मा ने 10 मई 2013 को कोर्ट की शरण ली. मामले की सुनवाई करते हुए लक्सर न्यायिक मजिस्ट्रेट नंदिता काला की अदालत ने आरोपित समय सिंह को दोषी पाया है. कोर्ट ने समय सिंह को सश्रम कारावास तथा साढ़े तीन लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है. जुर्माने की धनराशि में से 3 लाख 30 हजार हजार रुपए की रकम परिवादी को लौटाए जाने और 20 हजार रुपये सरकारी खाते में जमा करने के आदेश दिए हैं.