लखनऊ : अगले साल लोकसभा चुनाव है और इस चुनाव में केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार जनता के बीच जाकर यह बता सके कि रेलवे के विकास की दिशा में इतना काम पहले किसी भी सरकार में नहीं हुआ जितना भारतीय जनता पार्टी की सरकार में हुआ. इसे लेकर उत्तर प्रदेश में रेलवे के विकास पर खास तौर पर ध्यान है. रेलवे स्टेशनों के डेवलपमेंट पर रेलवे प्रशासन हजारों करोड़ रुपए खर्च कर रहा है. यूपी के 56 रेलवे स्टेशनों को हजारों करोड़ से ज्यादा की लागत से विश्वस्तरीय बनाया जा रहा है. इससे इन रेलवे स्टेशनों की सूरत ही बदल जाएगी, जिससे यात्रियों को रेलवे स्टेशन वर्ल्ड क्लास नजर आएंगे. स्टेशनों पर यात्रियों को जब बेहतर सुविधा मिलेगी तो इसके तारीफ होगी और इसका श्रेय सरकार खुद लेना चाहेगी जिसका चुनाव में फायदा मिल सके.
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार का रेलवे स्टेशनों के साथ ही अत्यधिक ट्रेनों के विकास पर पूरा फोकस है. इसके लिए लगातार सरकार की तरफ से प्रयास किये जा रहे हैं. अभी तक के इतिहास में रेलवे में उतना काम पहले कभी नहीं हुआ जितना इस सरकार के कार्यकाल में हो रहा है. जहां तक बात रेलवे स्टेशनों की करें तो अब छोटे स्टेशनों से लेकर बड़े स्टेशनों तक को संवारा जा रहा है. यात्री सुविधा की दृष्टि से वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन तैयार किये जा रहे हैं. आने वाले अगले 50 वर्षों को ध्यान में रखते हुए रेलवे स्टेशन पर अत्याधुनिक सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है. देश भर में कुल 508 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास पर सरकार खास ध्यान दे रही है. इनमें आबादी के लिहाज से देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश को भी काफी कुछ मिल रहा है. उत्तर प्रदेश में अगर रेलवे स्टेशनों के रि डेवलपमेंट की बात की जाए तो 56 ऐसे स्टेशनों को चिन्हित किया गया है, जहां पर अमृत भारत स्टेशन स्कीम के तहत काम शुरू हो गया है. इन स्टेशनों में 44 रेलवे स्टेशन उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के अंतर्गत तो 12 रेलवे स्टेशन पूर्वोत्तर रेलवे के अंतर्गत आते हैं. इन स्टेशनों के विकास पर कई हजार करोड़ रुपए का बजट सरकार की तरफ से रेलवे प्रशासन को मुहैया करा दिया गया है. रेलवे के अधिकारियों का दावा है कि अगले साल तक स्टेशनों पर वर्ल्ड क्लास यात्री सुविधाएं नजर आने लगेंगी.
इन सुविधाओं का होगा विस्तार, किया जाएगा सुधार :स्टेशनों के पुनर्विकास के लिए बनी अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत भारतीय रेल के 508 स्टेशनों का पुनर्विकास किया जा रहा है. स्टेशन भवन में सुधार, शहर के दोनों हिस्सों के साथ स्टेशन को एकीकृत करने के साथ ही मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी का प्रावधान, दिव्यांगजनों के लिये सुविधायें, स्टैंडर्ड साइनेज, पर्यावरण अनुकूल कार्य से ‘सिटी सेंटर‘ के रूप में उभरेंगे. स्टेशन, स्टेशनों के सर्कुलेटिंग एरिया, एप्रोच रोड और प्लेटफॉर्म पर सुधार होगा. योजना के अन्तर्गत आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित वेटिंग हॉल और प्रसाधनों का निर्माण होगा. स्टेशनों पर आवश्यकतानुसार लिफ्ट, एस्केलेटर के साथ 12 मीटर चौड़े फुटओवर ब्रिज (एफ.ओ.बी.) बनेंगे. स्टेशनों की सुन्दरता के लिए आकर्षक फसाड लाइटिंग लगाई जाएंगी.