Janmashtami 2023 : देश भर में आज मनायी जा रही है जन्माष्टमी, ऐसा होता है भगवान का 56 भोग - छप्पन भोग की कहानी
56 Bhog Prasad For Lord Krishna on Janmashtami 2023 : जन्माष्टमी के दिन भी 56 भोग लगाकर भगवान को रिझाने की कोशिश होती है. आप भी इस मौके पर 56 भोग लगाकर प्रसाद स्वरूप बांट सकते हैं...
नई दिल्ली : जन्माष्टमी हिंदू धर्म का एक बड़ा त्यौहार है और इसे भगवान विष्णु के आठवें अवतार कहे जाने वाले भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में पूरे देश भर में बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है. अबकी बार जन्माष्टमी का त्योहार पूरे देश में 7 सितंबर को मनाया जा रहा है.
आज के दिन लोग दिनभर व्रत रखकर पूजा करते हैं और भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप को पूजते हैं. साथ ही साथ अपने घर के पूजा स्थलों व मंदिरों में खूबसूरत झांकियां भी सजाई जाती हैं. इसके साथ ही साथ भगवान को तरह-तरह के भोग लगाए जाते हैं और उनका सबसे प्रिय उनका 56 भोग भी इस अवसर पर लगाया जाता है.
भगवान का 56 भोग
छप्पन भोग के पीछे एक कहानी प्रचलित है. कहा जाता है कि एक बार भगवान कृष्ण ने 7 दिनों तक बिना कुछ खाए पिए गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठा रखा था और पूरे ब्रजमंडल की इंद्र के प्रकोप से रक्षा की थी. इसके बाद आठवें दिन मां यशोदा अपने लाल को खाना खिलाने के लिए तरह-तरह के पकवान बनाए थे और बेटे को खूब खिलाया था. इसी बात को गोकुल वासियों ने भी अगले सात दिनों तक किया. हर दिन आठ तरह के पकवान बनाए और कृष्ण को खिलाए गए. इस तरह से 7 दिनों तक अलग-अलग तरह के व्यंजन तैयार हुए तो कुल पकवानों की संख्या 56 हो गयी. इसी तरह से 56 तरह के भोग की परंपरा शुरू हुयी. कहा जाता है कि 56 भोग से भगवान श्रीकृष्ण जल्दी प्रसन्न होते हैं और सबकी मनोकामना पूर्ण करते हैं.
ये होते हैं 56 भोग के पकवान गोवर्धन पूजा के दिन के साथ-साथ जन्माष्टमी के दिन भी भगवान कृष्ण को अगर छप्पन भोग लगाया जाता है. अगर आप 56 भोग का प्रसाद चढ़ाना चाहते हैं तो जानिए कि उसमें क्या-क्या शामिल होता है..