हैदराबाद : शहर के 30 वार्डों में वैज्ञानिकों ने लोगों में कोरोना वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी की जांच की. प्रत्येक वार्ड से 300 लोग जिनकी उम्र 10 वर्ष से अधिक थी, सभी का परीक्षण किया गया. अधिकांश वार्डों ने 50-60% लोगों में एंटीबाडी विकसित मिली. कुछ वार्डों में यह अधिकतम 70% या न्यूनतम 30% तक पाया गया.
महिलाओं में पुरुष (53%) की तुलना में मामूली संवेदनशीलता दर (56%) है. 70 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों ने एक कम सर्पोसिटिविटी (49%) दिखाई. शायद सीमित गतिशीलता और महामारी के दौरान वृद्ध व्यक्तियों द्वारा की गई अतिरिक्त देखभाल के कारण यह संभव हुआ. अप्रत्याशित रूप से जिनके अपने घरों में COVID-19 के मामले थे, उन्होंने 78% का अधिकतम रेसियो दिखाया. एनआईएन में वैज्ञानिक डॉ. ए लक्ष्मैया ने देखा कि छोटे परिवार की अपेक्षा घरों में बड़ी संख्या में रहने से कोरोना वायरस संक्रमण का प्रसार कम होता है. हैदराबाद में शहर के 9000 लोगों पर किए गए इस मल्टीस्टेज रैंडम सैंपलिंग अध्ययन से यह पता चला है.
कोविड के खिलाफ एंटीबाॅडी