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5-10 प्रतिशत मरीजों को ही भर्ती कराने की जरूरत हो रही, पर बदल सकती है स्थिति : केंद्र

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को पत्र भेजा है. इसमें कहा गया है कि इस बार अब तक पांच से दस प्रतिशत उपचाराधीन रोगियों को ही अस्पतालों में भर्ती करने की जरूरत हो रही है लेकिन अलर्ट रहना होगा. जानिए पत्र में और क्या.

Union Health Secretary Rajesh Bhushan
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण

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Published : Jan 10, 2022, 6:07 PM IST

Updated : Jan 10, 2022, 6:52 PM IST

नई दिल्ली : केंद्र ने सोमवार को कहा कि इस बार अब तक पांच से दस प्रतिशत उपचाराधीन रोगियों को ही अस्पतालों में भर्ती करने की जरूरत हो रही है लेकिन स्थिति बदल भी सकती है ऐसे में राज्य घरों में आइसोलेशन में रह रहे या अस्पताल में भर्ती मरीजों पर नजर रखें.

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण (Union Health Secretary Rajesh Bhushan) ने राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को भेजे पत्र में कहा कि देश में कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान अस्तपालों में भर्ती की जरूरत वाले रोगी 20-23 प्रतिशत थे.

उन्होंने लिखा है कि ऐसा जान पड़ता है कि देश के विभिन्न हिस्सों में नए स्वरूप ओमीक्रोन के आने एवं डेल्टा के बने रहने के कारण कोविड-19 के मामले बढ़े हैं, ऐसे में कोविड प्रबंधन के वास्ते मानव संसाधन खासकर स्वास्थ्यकर्मियों की संख्या बढ़ाने की जरूरत है.

उन्होंने कहा, 'वर्तमान वृद्धि में, अबतक पांच से दस प्रतिशत उपचाराधीन रोगियों को अस्तपालों में भर्ती करने की जरूरत पड़ रही है. स्थिति गतिशील एवं परिवर्तनशील है. इसलिए अस्पतालों में भर्ती करवाने की जरूरत की स्थिति तेजी से बदल सकती है.'

उन्होंने लिखा कि सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को उपचाराधीन रोगियों की कुल संख्या, घरों में पृथक-वास में रह रहे मरीजों की संख्या, अस्पतालों में उपचाररत रोगियों की संख्या, ऑक्सीजन बेड वाले मरीजों की संख्या, आईसीयू बेड, जीवनरक्षक प्रणाली की जरूरत आदि पर दैनिक रूप से नजर रखने की सलाह दी गई है.

स्वास्थ्य सचिव ने कहा, 'इस निगरानी के आधार पर स्वास्थ्यकर्मियों की जरूरत एवं अस्पतालों/ उपचार केंद्रों में उनकी उपलब्धता की रोजाना आधार पर समीक्षा की जानी चाहिए जैसा कि दूसरी लहर के दौरान किया गया था.'

स्थायी अस्पताल खोलने की तारीफ की

विशाल स्वास्थ्य केंद्र, क्षेत्रीय अस्पताल, अस्थायी अस्पताल खोलने जैसे कदम उठाने को लेकर विभिन्न राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों की तारीफ करते हुए भूषण ने कहा कि अवसंरचनाओं एवं मानव संसाधनों की अपनी सीमाएं हैं, इसलिए जहां भी संभव हो, स्वास्थ्यकर्मियों की अलग अलग टुकड़ियां बनाकर उनको पालियों/ चरणों में रखना जरूरी है.

उन्होंने कहा है कि अस्पतालों एवं स्वास्थ्य केंद्रों में कोविड एवं गैर कोविड क्षेत्रों में स्वास्थ्यकर्मियों के प्रबंधन के लिए नौ जनवरी को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी परामर्श का कड़ाई से पालन महत्वपूर्ण है. मंत्रालय ने राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को कोविड देखभाल से जुड़े निजी क्लीनिकों में विभिन्न श्रेणियां तय करने का सुझाव दिया.

भूषण ने पत्र में लिखा, 'यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि ऐसे स्वास्थ्य केंद्रों द्वारा लगाये जाने वाला शुल्क तर्कसंगत हो और अत्यधिक शुल्क वसूलने के मामलों, यदि कोई हो,की निगरानी की जाए एवं उन पर कार्रवाई की प्रणाली हो.'

टेली कंसलटेशन सेवाओं के लिए रिटायर डॉक्टरों की मदद लेने का सुझाव

उन्होंने टेली कंसलटेशन सेवाओं के लिए सेवानिवृत्त चिकित्सा पेशेवरों और एमबीबीएस विद्यार्थियों की सेवा लेने तथा कोविड देखभाल केंद्रों पर सामुदायिक स्वयं सेवियों को मूलभूत देखभाल एवं प्रबंधन में कौशल प्रशिक्षण देने का सुझाव दिया.

स्वास्थ्य सचिव ने घरों के पृथक-वास या कोविड देखभाल केंद्रों से रोगियों को कोविड समर्पित अस्पतालों तक सुगमता से ले जाने के लिए अतिरिक्त एंबुलेंस या निजी वाहनों का प्रबंध करने का भी सुझाव दिया.

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Last Updated : Jan 10, 2022, 6:52 PM IST

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