मदुरै:मदुरै ट्रेन अग्निकांड के सिलसिले में पकड़े गए आरोपियों को मदुरै जिला न्यायालय में पेश किया गया. उत्तर प्रदेश के रहने वाले सभी पांच आरोपियों को 11 सितंबर तक के लिए रिमाड पर भेज दिया गया. यह घटना 26 अगस्त को हुई. उत्तर प्रदेश के लखनऊ से दक्षिण भारत जा रही एक पर्यटक ट्रेन को मदुरै रेलवे स्टेशन के पास रोक दिया गया था. सुबह के समय ट्रेन में आग लग गई. कथित तौर पर सिलेंडर का उपयोग करके चाय बनाने के प्रयास के कारण ट्रेन में आग लगी थी. इस घटना में मौके पर ही 9 लोगों की मौत हो गई थी.
घटना के बाद प्रभावित ट्रेन डिब्बों का आकलन करने के लिए रेलवे पुलिस के फोरेंसिक विशेषज्ञों की एक टीम को घटनास्थल पर भेजा गया. अपनी जांच के दौरान, उन्होंने विस्फोट के लिए जिम्मेदार सिलेंडर के कुछ हिस्सों को बरामद किया. इसके अलावा, ट्रेन के डिब्बों के जले हुए अवशेषों के बीच, अधिकारियों को कुल एक लाख रुपये के जले हुए नोट मिले.
रेलवे सुरक्षा आयुक्त डीएम चौधरी ने उन यात्रियों की जांच शुरू कर दी है जो आग लगने के दौरान घायल हुए थे और वर्तमान में मदुरै रेलवे अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है. जांच में उन लोगों को भी शामिल किया गया है जिन्होंने बचाव अभियान में भूमिका निभाई थी. मृतकों का मदुरै राजाजी सरकारी जनरल अस्पताल में पोस्टमार्टम किया गया. सरकारी अधिकारियों, जिला कलेक्टरों और मंत्रियों ने दिवंगत लोगों के शवों को हवाई अड्डे तक ले जाने और बाद में उत्तर प्रदेश भेजे जाने से पहले उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की.
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गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों की पहचान एक आईआरसीटीसी हेल्पर दीपक (23), कुक असिस्टेंट सत प्रकाश रासडोकी (42), हेल्पर सुभम कश्यप (19), गाइड नरेंद्र कुमार (61) हार्दिक शेकेन (24) के रूप में हुई. सभी आरोपी ट्रेन में रसोइया और स्टाफ सदस्य के रूप में जुड़े थे. गिरफ्तार किए गए पांचों लोगों को मदुरै जिला अदालत में पेश किया गया. सुनवाई के बाद, न्यायमूर्ति चंदनकुमार ने उन्हें 11 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया.