Emergency in India : जिसने इमरजेंसी में भेजा था जेल, अब पास ला रही 'सियासत'
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने 1975 में आपातकाल लगाया था. आज 48 साल बाद हालांकि राजनीति की दशा और दिशा काफी बदली है. आपातकाल का विरोध करने वाले, इसे हटाने के लिए लड़ाई लड़ने वाले आज कांग्रेस के साथ ही एकजुट हो रहे हैं.
आपातकाल के 48 साल पूरे
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Published : Jun 25, 2023, 5:38 PM IST
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Updated : Jun 25, 2023, 10:56 PM IST
नई दिल्ली :48 साल पहले 22 जून 1975 को देश में आज ही के दिन आपातकाल घोषित किया गया था. मीडिया पर सेंसरशिप लगी और विपक्ष पर कार्रवाई हुई. ऐसा तब हुआ जब देश की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी थीं.
आपातकाल के समय नागरिकों के मौलिक अधिकार समाप्त कर दिए गए, प्रेस पर प्रतिबंध लगा दिया गया और केंद्र-राज्य संबंध प्रभावित हुए. जय प्रकाश नारायण (जेपी), अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, लालू यादव, मुलायम सिंह यादव, नीतीश कुमार, जार्ज फर्नांडिस, राम विलास पासवान, शरद यादव, राजनारायण सहित कई प्रमुख नेताओं ने आपातकाल का विरोध किया. इन नेताओं को जेल भी जाना पड़ा. हालांकि, 21 महीने बाद आपातकाल हटा लिया गया और आम चुनाव होने पर इंदिरा गांधी को सत्ता खोनी पड़ी.
पटना में बैठक के दौरान कांग्रेस नेताओं के साथ मौजूद नीतीश और लालू
इमरजेंसी के 48 साल बाद आज की राजनीति के संदर्भ में बात करें तो कई नेताओं की दृष्टिकोण और सोच में काफी बदलाव आया है. इसे अवसरवादिता और सत्ता लोलुपता ही कहें कि एक समय कांग्रेस के धुर विरोधी कहे जाने वाले नेता 2024 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए एकजुट हो रहे हैं.
नीतीश कुमार : जेडीयू नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले सभी विपक्षी दलों को भाजपा के खिलाफ एकजुट कर रहे हैं. ये वही नीतीश कुमार हैं जिन्होंने आपातकाल के दौरान करीब 22 महीने जेल में बिताए. पटना की बैठक के बाद नीतीश ने कहा कि विपक्षी एकता की दिशा में ये पहला कदम है. 2024 तक और पार्टियां भी इसमें शामिल होंगी.
हवाईअड्डे पर नीतीश ने किया था राहुलका स्वागत
लालू प्रसाद यादव : सत्तर के दशक के दौरान जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व वाले आंदोलन में लालू प्रसाद यादव सबसे आगे थे. लालू ने कई महीने जेल में बिताए थे, लेकिन आज वह भी विपक्षी एकजुटता की बात कर रहे हैं. पटना में आयोजित बैठक में आरजेडी नेता लालू यादव शामिल हुए. लालू ने कहा कि 'बड़ी पार्टियों को बड़ा दिल दिखाना चाहिए. सीट बंटवारे पर कांग्रेस का रुख लचीला होना चाहिए.'
पटना बैठक में अखिलेश यादव ने भी शिरकत की थी
मुलायम के बेटे अखिलेश यादव :भले ही आपातकाल के दौरान मुलायम सिंह यादव ने काफी वक्त जेल में बिताया, लेकिन उनके बेटे अखिलेश यादव भी विपक्षी एकजुटता के मिशन में कांग्रेस के साथ होते दिखाई दे रहे हैं. हाल ही में हुई मीटिंग में अखिलेश यादव ने कहा कि 'हम साझा उम्मीदवार की व्यवस्था के लिए तैयार हैं. कांग्रेस के विरोधी नहीं हैं. लड़ाई अब बीजेपी के खिलाफ है.'
नड्डा ने कसा तंज :भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने हाल ही में पटना में हुई विपक्ष की बैठक पर तंज कसते हुए कहा कि 'राहुल गांधी की दादी इंदिरा गांधी ने लालू यादव और नीतीश कुमार को जेल में डाल दिया था, लेकिन आज वे पटना में राहुल गांधी का स्वागत कर रहे हैं. मुझे आश्चर्य है कि राजनीति में क्या हो गया है.'
उन्होंने उन नेताओं की विडंबना पर जोर दिया जो कभी कांग्रेस से जमकर लड़ते थे और अब सत्ता हासिल करने की कोशिश में उनका अपने दरवाजे पर स्वागत कर रहे हैं.
रविशंकर ने साधा निशाना :भारतीय जनता पार्टी के नेता रविशंकर प्रसाद ने विपक्षी दल की बैठक का मज़ाक उड़ाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता लालू प्रसाद यादव देश में लगाए गए आपातकाल के दौरान अपने 'कष्ट' की याद दिलाते हुए 'दिवास्वप्न' देख रहे थे.लालू जी और नीतीश जी देश में आपातकाल के दौरान जेल गए थे. इंदिरा शासन के दौरान उन्हें कितना कष्ट सहना पड़ा. वे सत्ता के लिए राहुल गांधी से दोस्ती कर रहे हैं.'