दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

विशाखापत्तनम की 46 वर्षीय माधुरी ने अफ्रीका में पूरी की 88.47 किमी मैराथन

विशाखापत्तनम की 46 साल की माधुरी पल्ली ने दुनिया की सबसे पुरानी दक्षिण अफ्रीका की 88.47 किमी की मैराथन को पूरा करने में सफलता हासिल की है. इसके साथ ही वह लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई हैं. बता दें कि इस मैराथन में भारत की 40 महिलाओं ने भाग लिया था लेकिन 20 महिलाएं ही इसे पूरा कर सकीं.

Madhuri Palli
माधुरी पल्ली

By

Published : Jun 22, 2023, 3:40 PM IST

हैदराबाद: दक्षिण अफ्रीका में तेज धूप और पथरीले रास्ते से गुजरने वाली दुनिया का सबसे पुरानी दक्षिण अफ्रीका की वार्षिक कॉमरेड मैराथन को विशाखापत्तनम की 46 वर्षीय माधुरी पल्ली ने पूरा कर लोगों की प्रेरणा स्रोत बन गई हैं. ईटीवी भारत के साथ बातचीत में उन्होंने बताया कि कोई भी शौकीन मैराथन धावक दक्षिण अफ्रीका में वार्षिक कॉमरेड मैराथन में भाग लेने के बारे में दस बार सोचेगा, क्योंकि यह काफी कठिन है. उन्होंने बताया कि 88.47 किलोमीटर की मैराथन की दूरी बारह घंटे में पूरी की.

माधुरी ने कहा कि यह मैराथन में पहाड़ियों और टीलों से युक्त एक घुमावदार रास्ते भी पड़ते हैं. माधुरी ने बताया कि मेरे पिता सेना में काम करते हैं. इस वजह से बचपन से ही फिटनेस में रुचि के अलावा एमबीबीएस और पीजी करते समय पैदल चलना और योग करना मैंने कभी नहीं छोड़ा. उसके बाद मैं रेडियोलॉजिस्ट के रूप में महात्मा गांधी कैंसर अस्पताल में काम करने लगी. फिर मेरी शादी डॉ. सुरेंद्र कुमार से हो गई. मेरे दो बच्चे हैं. उन्होंने कहा कि उनकी जब पारिवारिक जिम्मेदारियां शुरू हुईं तो उन्होंने व्यायाम करना छोड़ दिया.

यूं मिली हौंसले को उड़ान-माधुरी ने फिटनेस वापस पाने के लिए जिम ज्वाइन कर लिया. इसके बाद कुछ आत्मविश्वास हासिल किया तो 37 साल की उम्र में विजाग में 5 किमी की नेवी मैराथन में न केवल भाग लिया बल्कि प्रथम स्थान हासिल किया. इसके बाद आत्मविश्वास मिल जाने के बाद उन्होंने 25 से 50 किलोमीटर की मैराथन में भाग लिया और पहले दो स्थान पर रहीं. इसी बीच 2021 में विजाग रनर्स सोसाइटी की स्थापना की गई. हालांकि शुरुआत में इस सोसाइट में 45 लोग थे जो इस समय 500 से अधिक हो चुके हैं.

मैराथन के ट्रेनिंग जरूरी-दक्षिण अफ्रीका में प्रतिष्ठित कॉमरेड मैराथन को अल्टीमेट ह्यूमन रेस के रूप में जाना जाता है. वो जानती हैं कि इसमें हिस्सा लेने के लिए उन्हें काफी ट्रेनिंग की जरूरत है, चाहे वह कितनी भी फिट क्यों न हों. माधुरी ने बताया कि शुरुआत में थोड़ी सी दौड़ के बाद भी मेरे पैरों में दर्द होता था. इसके बाद उन्होंने ट्रेनिंग लेने के लिए कोचिंग ज्वाइन की. यहां पर शामिल होने के लिए क्वालीफाइंग रन में भाग लेना होता है. इसके लिए 50 किलोमीटर की दूरी तय समय में पूरी होनी चाहिए. इसको लेकर उन्होंने कोशिश की लेकिन असफल रहीं. अंतत: कोलकाता में दोबारा कोशिश करने पर वह सफल रहीं. उन्होंने बताया कि इस मैराथन प्रशिक्षण के हिस्से के रूप में 6 सप्ताह तक कम गति और अधिक दूरी पर दौड़ें. इसके बाद फिर गति बढ़ाएं और दूरी कम करें. तत्पश्चात धीरे-धीरे गति और दूरी दोनों बढ़ाएं. माधुरी ने बताया कि इसके बाद मैंने दोपहर तक पहाड़ियों में अभ्यास किया और 12 घंटे की मैराथन को 10.25 घंटे में पूरा करने में सफल रही. इस दौड़ में अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, जापान और रूस से कुल 27 हजारक लोगों ने हिस्सा लिया. हमारे देश की 40 महिलाओं में से केवल 20 ही इस दौड़ को पूरी पाईं.

फिटनेस जरूरी -माधुरी ने फिटनेस के बारे में बताया कि वह रोज सुबह 4 बजे उठ जाती हैं और दौड़ने, वर्कआउट करने, पूजा करने और खाना बनाने के बाद काम पर जाती हैं. सुबह उन्हें जल्दी उठना होता है इसलिए जल्दी सो जाती हैं. उन्होंने बताया कि उनकी बेटी इंजीनियरिंग और बेटा इंटर की पढ़ाई कर रहा है. उन्हें भी उनसे प्रेरणा मिलती है. उन्होंने कहा कि दौड़ने से अतिरिक्त वजन और दिल की समस्याओं से बचा जा सकता है. माधुरी ने कहा कि 40 से अधिक उम्र की महिलाओं में मांसपेशियों की कमजोरी हड्डियों को प्रभावित करती है, इसलिए व्यायाम जरूरी है.

ये भी पढ़ें - Delhi Marathon 2023 : मान सिंह और ज्योति गावते ने जीता दिल्ली मैराथन का खिताब

ABOUT THE AUTHOR

...view details