नई दिल्ली : दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) को बताया कि कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान जिन 3200 विचाराधीन कैदियों की रिहाई अवधि में विस्तार किया गया था उनमें से 45 को अलग-अलग अपराधों के लिए फिर से गिरफ्तार किया गया है.
न्यायमूर्ति विपिन सांघी, न्यायमूर्ति रेखा पल्ली और न्यायमूर्ति तलवंत सिंह की पीठ एक स्वत: संज्ञान मामले पर सुनवाई कर रही थी, जिसे दिल्ली सरकार के वकील संतोष कुमार त्रिपाठी ने सूचित किया कि अधिकारी 'गिरफ्तार कैदियों के आंकड़ों का विश्लेषण कर रहे हैं.'
उन्होंने कहा, 'इस वर्ष कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान 3200 विचाराधीन कैदी रिहा किए गए थे. इनमें से 45 को विभिन्न अपराधों के लिए फिर से गिरफ्तार किया गया है. यह बड़ी संख्या नहीं है.'