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आंध्र प्रदेश में रुशिकोंडा सीएम कैंप कार्यालय को बनाने में लगे 433 करोड़, आवंटित लागत से 16 गुना ज्यादा

आंध्र प्रदेश सरकार ने विशाखापत्तनम के रुशिकोंडा में सीएम के कैंप कार्यालय के निर्माण की लागत की जानकारी साझा की है. सरकार द्वारा इस कार्यालय पर कुल 433 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं. यह लागत इसकी आवंटित लागत से करीब 16 प्रतिशत ज्यादा है. Andhra Pradesh Government, camp office of CM, Rushikonda Redevelopment Project, Andhra Pradesh High Court.

Andhra Pradesh CM
आंध्र प्रदेश सीएम

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 20, 2023, 4:20 PM IST

विशाखापत्तनम: आंध्र प्रदेश सरकार ने आखिरकार विशाखापत्तनम के रुशिकोंडा में सीएम के कैंप कार्यालय के निर्माण की लागत का खुलासा कर दिया है, जिसके बारे में उसने काफी लंबे समय से कोई जानकारी नहीं दी थी. सरकार के अनुसार इस कार्यालय पर 433 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. यह लागत, अनुमानित लागत से 16 प्रतिशत ज्यादा है.

रुशिकोंडा पुनर्विकास परियोजना के नाम पर सबसे पहले आंध्र प्रदेश पर्यटन विकास निगम ने 350.16 करोड़ रुपये आवंटित किये थे. बाद में निगम ने उनके लिए अतिरिक्त आवंटन किया. कलिंग, वेंगी, गजपति और विजयनगर ब्लॉक के नाम से बनने वाले इस प्रोजेक्ट की लागत अभी तक सामने नहीं आई है. हाल ही में आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने सवाल किया कि क्या जीओ को ऑनलाइन रखने में कोई आपत्ति है?

इसके जवाब में आंध्र प्रदेश गजट सभी विभागों के जीओ को वेबसाइट पर डाल रहा है. इसके चलते सीएम कैंप कार्यालय भवनों के आवंटन और खर्च के ब्यौरे से संबंधित जीओ सामने आ गए हैं. रुशिकोंडा परियोजना को लेकर सरकार ने शनिवार रात एक साथ 10 जीओ अपलोड किए. अधिकांश कार्यों को छोटी-छोटी मात्राओं में बांटकर आवंटित किया जाता है.

उन्होंने इस आदेश का उल्लंघन करते हुए काम किया है कि 100 करोड़ रुपये से अधिक होने पर वे न्यायिक समीक्षा करेंगे. पहले तो सरकार ने कहा कि ये पर्यटक इमारतें हैं. बाद में आईएएस अधिकारियों की एक कमेटी बनी और उसने रिपोर्ट लायी कि यह सीएम के कैंप कार्यालय की स्थापना के लिए अनुकूल है. सरकार ने वहां रुशिकोंडा पुनर्विकास परियोजना के नाम से काम शुरू किया.

एपी पर्यटन विकास निगम के तत्वावधान में तीन चरणों में काम करने का निर्णय लिया गया. परियोजना के कार्यान्वयन के तहत पहले चरण के कार्यों के लिए 92 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था, बाद में इसे बढ़ाकर 159 करोड़ रुपये कर दिया गया. दूसरे चरण के कार्यों पर 94.49 करोड़ रुपये खर्च हुए. तीसरे चरण में 112.76 करोड़ रुपये का खर्च दिखाया गया.

सड़क, पेयजल आपूर्ति, बिजली, सीवरेज समेत अन्य कार्यों पर 46 करोड़ रुपये खर्च किये गये हैं. भूदृश्य निर्माण कार्यों पर 21.83 करोड़ रुपये खर्च किये गये. तीसरे चरण के कार्यों के लिए 77.86 करोड़ रुपये के अनुमान के साथ निविदा बुलाई गई. 16.46 प्रतिशत अधिक कीमत और 90.68 करोड़ रुपये में काम सौंप दिया. जानकारी के अनुसार दीवारों में गर्मी और पानी का विरोध करने के लिए इंटरलॉकिंग राफ्टर्स और 18 मिमी मोटी प्लाईवुड लगाई गई है.

आदेश में कहा गया है कि 3 मिमी और 9 मिमी की मोटाई वाले लेमिनेटेड पैनल के साथ-साथ आधुनिक सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएं, ताकि ये गर्मी, बैक्टीरिया, पानी और रसायनों से क्षतिग्रस्त न हों. विश्राम के लिए 138 आधुनिक सिंगल-सीटर सोफा, 42 टू-सीटर सोफा, 25 थ्री-सीटर सोफा, 721 एक्जीक्यूटिव कुर्सियां, 205 टेबल, 20 बेड की व्यवस्था की जानी है. फर्नीचर पर 14 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किये गये.

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