चेन्नई: भारतीय रेलवे (Indian Railway) के वर्तमान और अतीत के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि 400 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों (Vande Bharat Express trains) को चलाने से लगभग 40,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा. इससे नौकरी और अन्य लाभ मिलेंगे. हालांकि नाम ना देने की शर्त पर भारतीय रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि एक बड़ा सवाल उपलब्धता का है. अधिकारियों ने कहा कि जब तक सरकार स्पष्ट रोडमैप नहीं देती, विक्रेता अपनी उत्पादन क्षमता नहीं बढ़ा सकते. आपूर्ति श्रृंखला को तैयार होने में समय लगेगा. उन्होंने कहा कि 400 ट्रेनों में से, पहले वर्ष के दौरान केवल 20 ट्रेनों को ही चलाया जा सकता है और शेष दो वर्षों में 380 ट्रेनें संभव नहीं हैं.
2022-23 के लिए केंद्रीय बजट (Union Budget for 2022-23) पेश करते हुए, भारतीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि तीन साल में 400 नई ऊर्जा कुशल वंदे भारत ट्रेनें शुरू की जाएंगी. वंदे भारत एक्सप्रेस 100 करोड़ रुपये के मितव्ययी परिव्यय पर इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (Integral Coach Factory) (ICF) द्वारा डिजाइन, विकसित और निर्मित एक सेमी-हाई स्पीड ट्रेन है.
भारतीय रेलवे के अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर एजेंसी को बताया कि यह लगभग 40,000 करोड़ रुपये के निवेश का अवसर है. जिससे करीब 15,000 नौकरियां तो मिलेंगी ही. कई और लाभ भी मिलेंगे. वर्तमान में केवल दो वंदे भारत ट्रेनें चल रही हैं - दिल्ली से वाराणसी और दिल्ली से कटरा. आईसीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बिना जोड़ी वाली ट्रेनें आज तक बिना ब्रेकडाउन के सप्ताह में छह दिन चल रही हैं. उन्हें कुछ साल पहले सेवा में लगाया गया था. शायद वंदे भारत एक्सप्रेस पहली ट्रेन है जो बिना जोड़ी के चलती है. यह 'मेक इन इंडिया' (Make in India) का एक उत्कृष्ट उदाहरण है.
विदेशी कंपनियों द्वारा चलाई जाने वाली ऐसी ट्रेनों की तुलना में यह बहुत सस्ती है. अधिकारियों ने बताया कि ट्रेन में केवल 15 प्रतिशत आयातीत सामग्री है. यह उत्पादन की मात्रा बढ़ने पर और कम हो जाएगी. आईसीएफ के एक अधिकारी ने कहा कि कोविड -19 महामारी के कारण उत्पादन बाधाओं और लॉजिस्टिक चुनौतियों के कारण तीसरे प्रोटोटाइप में देरी हो रही है. हालांकि, सरकार अगले तीन वर्षों में 400 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों के अपने लक्ष्य को कैसे हासिल करने जा रही है, यह भी बड़ा सवाल है.
तीन साल में 100-150 ट्रेनों का लक्ष्य अधिक यथार्थवादी होता
अधिकारियों ने कहा कि हालांकि यह वास्तव में एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य (Ambitious Target) है. लेकिन इसे प्राप्त करने के लिए योजनाओं पर बेहतर स्पष्टता की जरूरत होगी. भारतीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Indian Railway Minister Ashwini Vaishnaw) ने कहा कि उन्नत वंदे भारत ट्रेन की अप्रैल में परीक्षण के लिए तैयार होने की उम्मीद है. वंदे भारत एक्सप्रेस के निर्माता आईसीएफ के सेवानिवृत्त महाप्रबंधक सुधांशु मणि ने कहा कि मुझे लगता है कि तीन साल में 100-150 ट्रेनों का लक्ष्य अधिक यथार्थवादी होता. इस लक्ष्य के लिए रेलवे के अधिकारियों द्वारा विशेष रूप से आईसीएफ में बहुत ही ठोस और प्रतिबद्ध कार्रवाई की आवश्यकता होगी.
पढ़ें: union budget railway : 400 नई वंदे भारत ट्रेन, 'एक स्टेशन-एक उत्पाद' योजना की शुरुआत