भीलवाड़ा.राजस्थान के भीलवाड़ाजिले की कोटड़ी क्षेत्र में कोयले की भट्टी में 15 साल की नाबालिग को जिस हैवानियत के साथ जला दिया गया, उसने हर किसी को अंदर से झकझोर कर रख दिया है. इस हत्याकांड में नाबालिग के साथ निर्ममता की सारी हदें पार करने वाले कोई और नहीं बल्कि परिचित ही थे. ये वो हैवान थे, जिनके बीच नाबालिग पिछले एक साल से खुद को सुरक्षित समझती थी, लेकिन उसे क्या पता था कि जिन्हें वो अपनों की नजर से देख रही है, वही एक दिन उसकी मौत का कारण बनेंगे.
परिजनों ने दिया था खेत पर आश्रय :कोयले की भट्टी से बालिका की मिली लाश के मामले में जैसे-जैसे परतें पुलिस ने उधेड़ना शुरू की, वैसे-वैसे मानवता और इंसानियत जैसे शब्द भी भट्टी में मिली लाश की तरह राख होते चले गए. ऐसा इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि नाबालिग के साथ जिन हैवानों ने निर्ममता की, उसके साथ गैंगरेप किया और फिर सबूत मिटाने के लिए कोयले की भट्टी में झोंक दिया, वो वही थे जिन्हें दो जून की रोटी कमाने के लिए मृतका के परिजनों ने अपने ही खेत पर आश्रय दिया था. पिछले एक साल से कालबेलिया जाति के ये लोग इसी खेत पर रहकर दो जून की रोटी कमाते थे. ये किसी को पता नहीं था कि जिन्हें परिवार आश्रय दे रहा है, वही एक दिन फूल सी बच्ची को निर्ममता से मौत के घाट उतार देंगे. पुलिस की जांच में सच उजागर होने के बाद लोगों का भरोसा खत्म सा हो जाता है.
चार आरोपी गिरफ्तार, एक निरुद्ध :घटना के बारे में बताते हुए जिला पुलिस अधीक्षक आदर्श सिद्धू ने कहा कि पुलिस ने आशंका के आधार पर कोयले की भट्टी चलाने वाले कालबेलिया जाति के युवाकों को हिरासत में लेकर पूछताछ की. पूछताछ के दौरान चार युवकों ने जुर्म कबूल कर लिया. उन्होंने बताया कि इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि एक बाल अपचारी को निरुद्ध किया गया है. पुलिस ने इस मामले में कान्हा पुत्र रंगलाल उम्र 21 साल, कालु पुत्र रंगलाल उम्र 25 साल, संजय पुत्र प्रभु उम्र 20 साल और पप्पु पुत्र अमरनाथ उर्फ अमरा उम्र 35 साल शामिल हैं.