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गलवान संघर्ष की तीसरी बरसी : लद्दाख सेक्टर में तैनात वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने लेह में बैठक की - उत्तरी सेना कमान

पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुए गलवान संघर्ष की तीसरी बरसी के मौके आज गुरुवार को सेना के शीर्ष सैन्य अधिकारियों ने तैयारियों को और मजबूत करने के लिए चर्चा की. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Jun 15, 2023, 2:20 PM IST

लेह (लद्दाख) : पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तैनात शीर्ष सैन्य अधिकारियों ने तैयारियों को और मजबूत करने के लिए चर्चा की. यह बैठक गलवान घाटी संघर्ष की तीसरी बरसी पर आयोजित की गई थी. गलवान संघर्ष में आज से तीन साल पहले भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुए मुठभेड़ में चीनी सेना को भारी नुकसान पहुंचाते हुए 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गये थे. सेना के सूत्रों ने यहां बताया कि आज की बैठक में कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी, 14 कॉर्प्स कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल राशिम बाली और वन स्ट्राइक कॉर्प्स कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल संजय मित्रा के साथ वहां तैनात अन्य अधिकारी भी मौजूद थे.

बैठक में चीन की सीमा से लगे सेक्टर में फोर्स की तैयारियों पर चर्चा की गई. उत्तरी सेना कमान लद्दाख क्षेत्र का प्रभारी है. वन स्ट्राइक कोर के रूप में इसे एक नया नाम दिया गया है जिसका मुख्यालय मथुरा में है. वन स्ट्राइक कोर देश के उत्तरी भागों की जिम्मेदारी उठा रहा है. पूर्वी लद्दाख सेक्टर में अप्रैल-मई 2020 के चीनी आक्रमण के बाद सेना का पुनर्गठन सरकार और बलों द्वारा किया गया था.
दूसरी ओर चीनी सेना ने भी पूर्वी लद्दाख के विपरीत एलएसी पर 50,000 से अधिक सैनिकों को तैनात किया है.

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भारत ने चीनियों द्वारा भविष्य में किसी भी संभावित आक्रमण को रोकने के लिए या आक्रमण की स्थिति में उनका मुकाबला करने के लिए क्षेत्र में कई नई संरचनाओं को तैनात किया है. क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के विकास में भी तेजी आई है. पूर्वी लद्दाख में उमलिंग ला दर्रे पर दुनिया की सबसे ऊंची मोटर योग्य सड़क बनाई गई है. सड़क ने उन अग्रिम स्थानों पर कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने में मदद की है जहां पिछले तीन वर्षों से भारतीय और चीनी सैनिक एक-दूसरे के मुकाबले में तैनात हैं.
(एएनआई)

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