हैदराबाद :नीरजा भनोट मुंबई में पैन एम एयरलाइन्स की क्रू मेंबर में शामिल थीं. 5 सितंबर 1986 काे आतंकियाें से यात्रियाें की जान बचाते हुए नीरजा ने अपनी जान दे दी. आतंकियाें ने गोली मारकर इनकी हत्या कर दी थी. उनके पास पहले खुद को बचाने का विकल्प था, लेकिन उन्हाेंने दूसरों की जान बचाने का फैसला किया.
नीरजा का जन्म 7 सितंबर 1962 को चंडीगढ़ के एक पंजाबी परिवार में हुआ था. उन्होंने अपनी स्कूली पढ़ाई चंड़ीगढ़ के सैक्रेड हार्ट सीनियर सेकंडरी स्कूल (Sacred Heart Senior Secondary School) से की. उन्होंने मुंबई के बॉम्बे स्कॉटिश स्कूल से अपनी आगे की पढ़ाई की और मुंबई के सेंट जेवियर कॉलेज से उन्होंने ग्रेजुएशन किया.
आपको बता दें, नीरजा के पिता एक पत्रकार थे. मां गृहिणी थी. परिवार में सब उन्हें 'लाडो' कहकर बुलाते थे.
नीरजा लगभग 18 साल की थीं, जब उनके कॉलेज के बाहर एक फोटोग्राफर ने उन्हें मॉडलिंग के लिए संपर्क किया था. एक बार विज्ञापन छपने के बाद नीरजा को मॉडलिंग के ऑफर आने लगे. तब से नीरजा विज्ञापन की दुनिया में एक जाना-पहचाना चेहरा बन गईं.
अपनी खूबसूरत 5'9" लंबाई और आत्मविश्वास से भरी मुस्कान के साथ नीरजा ने बिनाका, वेपोरेक्स, चार्मिस कोल्ड क्रीम, क्रैक जैक बिस्कुट, अमूल चॉकलेट, बेंज़र, चिराग दीन आदि के विज्ञापनों में काम किया. उन्हें मनाेरमा जैसी चर्चित पत्रिकाओं के कवर पेज पर भी देखा गया.
उसके परिवार ने शारजाह, (संयुक्त अरब अमीरात) में उनके लिए एक लड़के काे पसंद किया. वह बिना काेई सवाल किए अपने पिता के फैसले पर सहमत हो गईं और मार्च 1985 में उनकी शादी हो गई, लेकिन दो महीने के भीतर ही पति के दुर्व्यवहार, ताने और धमकियाें की वजह से भनोट ने अपने पति को छोड़ दिया. मुंबई लौट आईं और फ्लाइट अटेंडेंट बनने का फैसला किया.
23 साल की फ्लाइट अटेंडेंट नीरजा भनोट राजेश खन्ना की प्रशंसक थी. 5 सितंबर काे मुंबई से संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए उड़ान भरने वाली पैन एम फ्लाइट 73 में उन्हें सीनियर फ्लाइट पर्सर (senior flight purser) नियुक्त किया गया था. नीरजा 24 साल की होने में हाेने वाली थी लेकिन 5 सितंबर, 1986 को तड़के पैन एम फ्लाइट 73 में अपने केबिन-क्रू ड्यूटी में शामिल होने के लिए आखिरी बार घर से निकली थीं.
कराची में फ्लाइट के ठहराव के दौरान अबू निदाल संगठन से संबंधित चार सशस्त्र फिलिस्तीनी आतंकियाें ने विमान का अपहरण कर लिया, जिसमें लगभग 380 यात्री और चालक दल के 13 सदस्य थे.
भनोट ने हाईजैक कोड का उपयोग करके कॉकपिट चालक दल को तुरंत सतर्क कर दिया, जिसने अमेरिकी पायलटों को भागने की अनुमति दी और इस तरह विमान को जमीन पर उतार दिया.