दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

छत्तीसगढ़: रायपुर के सरोना तालाब में ऐसे हुई उम्रदराज कछुए की मौत - रायपुर के सरोना तालाब

रायपुर के सरोना तालाब में करीब 329 साल के कछुए की मौत हो गई. मृत कछुए को पूरे सम्मान के साथ शिव मंदिर परिसर में दफना दिया गया है.

उम्रदराज कछुए की मौत
उम्रदराज कछुए की मौत

By

Published : May 26, 2021, 2:11 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के सरोना तालाब में करीब 329 साल के कछुए की मौत हो गई. बताया जा रहा है कि कछुआ काफी दिनों से बीमार था. कुछ लोगों का कहना है कि, गर्मी की चपेट में आने से कछुए की मौत हुई है. रायपुर स्थित सरोना तालाब अपनी अलग धार्मिक पहचान बनाये हुए है. यहां पर सास-बहु नामक दो तालाब है, जो एक-दूसरे से से जुड़े हुए हैं.

ऐसी मान्यता है कि बरसात के दिनों में जब इन तालाबों में पानी ज्यादा भर जाता है. तब ये दोनों तालाब मनुष्यों की भांति एक-दूसरे की मदद करते हैं. साथ ही इन तालाबों में रहने वाली मछलियों और कछुओं को नहीं पकड़ा जाता और ना ही उनका भक्षण किया जाता है. सरोना का यह स्थान प्राचीन शिव मंदिर के कारण पूरे क्षेत्र में विख्यात है.

पढ़ेंःकाला दिवस : किसानों ने फूंका सरकार का पुतला, बैरिकेडिंग पर लहराया काला झंडा

सबसे उम्रदराज कछुओं में से एक था

स्थानीय निवासी ठाकुर जनक सिंह ने बताया है कि यह बहुत ही दुखद घटना है. मृत कछुए को पूरे सम्मान के साथ शिव मंदिर परिसर में दफना दिया गया है. बताया जा रहा है कि यह देश के सबसे उम्रदराज कछुओं में से एक था. दीनदयाल उपाध्याय नगर थाना प्रभारी योगिता बाली खापर्डे ने बताया कि घटना की जानकारी पुलिस को नहीं दी गई है. वन विभाग को इसकी जानकारी है या नहीं इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता.

तालाब निर्माण से जुड़ी कहानी

बताया जाता है कि तालाब का निर्माण सरोना के रहने वाले उम्मीदी सिंह ने संतान प्राप्ति के लिए करवाया था. जिसके बाद उन्हें एक बेटा हुआ, उनका नाम ठाकुर गुलाब सिंह रखा गया, वे बचपन में इस तालाब में खूब नहाया करते थे. कछुओं को भोजन भी दिया करते थे. अब इनकी यादें ही शेष है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details