नई दिल्ली :राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस -5) की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में 18-49 वर्ष आयु वर्ग की 30 प्रतिशत महिलाओं ने 15 साल की उम्र से शारीरिक हिंसा का अनुभव किया है. वहीं, 18-49 आयु वर्ग की गर्भवती महिलाओं में से 3 प्रतिशत ने किसी भी गर्भावस्था के दौरान शारीरिक हिंसा का अनुभव किया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि उम्र के साथ शारीरिक हिंसा बढ़ती जाती है.
18-19 आयु वर्ग की महिलाओं में ये 17 प्रतिशत था, जो 40-49 आयु वर्ग की महिलाओं में बढ़कर 32 प्रतिशत हो गया. रिपोर्ट में कहा गया है, 'विवाहित महिलाओं की अपेक्षा उन महिलाओं ने कम हिंसा का अनुभव किया जिन्होंने कभी शादी नहीं की.' वहीं, ये भी सामने आई है कि शहरी क्षेत्रों (24 प्रतिशत) की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों (32 प्रतिशत) में महिलाओं के साथ ज्यादा शारीरिक हिंसा होती है.
स्कूली शिक्षा का पड़ता है असर :शिक्षा और संपत्ति का भी इस पर असर पड़ता है. देखा गया है कि शिक्षित महिलाओं और जिनके पास संपत्ति है, उनके साथ हिंसा में गिरावट आई है. 12 या उससे अधिक वर्षों तक स्कूली शिक्षा ग्रहण करने वाली महिलाओं में ये 18 प्रतिशत देखा गया है, जबकि बिना शिक्षा वाली महिलाओं में 40 फीसदी तक है. जाहिर बात है कि शिक्षित महिलाएं कम हिंसा की शिकार हैं. इसी तरह कम संपत्ति वाली महिलाओं में शारीरिक हिंसा का अनुभव 39 प्रतिशत तक देखा गया जबकि संपत्ति वाली महिलाओं में ये गिरकर 17 प्रतिशत ही है. कामकाजी महिलाओं की तुलना में गृहणियों में शारीरिक हिंसा की कम संभावना है. कमाई करने वाली 37 प्रतिशत महिलाओं के साथ ऐसा हुआ, जबकि 26 फीसदी सामान्य महिलाओं के साथ.