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भारत को सबसे महान व श्रेष्ठ राष्ट्र बनाना ही हमारा लक्ष्य : राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ

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Published : Jan 7, 2022, 8:05 PM IST

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तीन दिवसीय समन्वय बैठक (RSS three-day coordination meeting) 7 जनवरी 2022 को हैदराबाद में संपन्न हुई. यह बैठक हर साल सितंबर और जनवरी में आयोजित (Meeting held every year in September and January) की जाती है.

rss meeting
आरएसएस बैठक

हैदराबाद : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ मनमोहन जी वैद्य (Saha Sarkaryavah Dr Manmohan ji Vaidya) ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि स्वयंसेवक समाज के विभिन्न वर्गों में काम कर रहे हैं. जिसमें छात्र, मजदूर, किसान आदि शामिल हैं.

वे सक्षम जैसे संगठनों के माध्यम (through organizations like Saksham) से शारीरिक रूप से अक्षम लोगों के बीच भी काम कर रहे हैं. इस बैठक में ऐसे 36 स्वतंत्र और स्वायत्त संगठनों ने भाग लिया. 24 महिलाओं सहित 216 प्रतिनिधियों के आने की उम्मीद थी, जिनमें से 91% ने भाग लिया.

प्रतिनिधियों ने बच्चों में कुपोषण उन्मूलन और रोजगार सृजन (Malnutrition alleviation and employment generation) की पहल पर विचार-विमर्श किया. भारत केंद्रित शिक्षा की पहल पर चर्चा हुई. स्वराज 75वें वर्ष में, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति सहित हजारों गुमनाम नायकों के योगदान को मान्यता देने की आवश्यकता पर चर्चा की गई.

बुद्धिजीवियों के बीच काम करने वाले संगठनों द्वारा 250 ऐसे वीर जीवन का दस्तावेजीकरण किया गया है. संस्कार भारती द्वारा 75 नाटक बनाए गए हैं. कोविड की तीसरी लहर की तैयारी में 10 लाख लोगों को 6000 विकास प्रखंडों (मंडलों) को प्रशिक्षित किया गया है.

संघ की शाखाएं जो पहले महामारी के दौरान बंद थीं, अब फिर से शुरू हो गई हैं. 2019 अक्टूबर की तुलना में 93% जगहों पर संघ का काम फिर से शुरू हो गया है. बड़ी संख्या में युवा हमारी वेबसाइट के माध्यम से भी संघ में शामिल होने की इच्छा व्यक्त कर रहे हैं. संघ की 55000 शाखाएं चल रही हैं.

मीडिया कर्मियों के सवालों का जवाब देते हुए डॉ. वैद्य ने बताया कि संघ पूरे समाज को मजबूत करने का काम कर रहा है और जागरूक समाज ही समस्याओं का समाधान करेगा. भारत ऐतिहासिक रूप से एक कल्याणकारी राज्य नहीं रहा है और जब भी आवश्यक हो समाज ने सरकार से सहायता मांगी है.

उन्होंने कहा कि विविधता को मतभेदों के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए. भारत की परंपरा आध्यात्मिक एकता पर केंद्रित रही है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने देश भर से हमारी आध्यात्मिक विविधता को व्यक्त किया है. समाजिक समरस्ता पहल के माध्यम से स्वयंसेवक जातिगत भेदभाव मिटाने और सामाजिक सद्भाव के लिए काम कर रहे हैं.

देश भर के बुद्धिजीवी सभी क्षेत्रों में उपनिवेशवाद से मुक्ति के लिए जागरूकता ला रहे हैं. एक प्रश्न का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा कि भारत को विश्व का सबसे महान, श्रेष्ठ राष्ट्र बनाना ही संघ का लक्ष्य है. अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील जी आंबेकर ने भी प्रेस मीट में भाग लिया.

प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक अच्छी बात नहीं

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (Rashtriya Swayamsevak Sangh) ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दो दिन पहले की पंजाब यात्रा के दौरान सुरक्षा में चूक एक गंभीर मुद्दा है और यह अच्छा नहीं है कि उच्च संवैधानिक पद पर आसीन व्यक्ति फंसे रहें.

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संघ के सह सरकार्यवाह मनमोहन वैद्य ने बताया कि यह गंभीर मुद्दा है और इसकी जांच भी की जा रही है. सरकार अपना काम करेगी. उच्च संवैधानिक पद पर आसीन व्यक्ति ऐसे ही फंसे रहें, यह अच्छा नहीं है. यह देश के लिए अच्छा नहीं है.

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