गोड्डा: 29वीं राष्ट्रीय नेटबॉल सबजूनियर चैंपियनशिप 21 दिसंबर से झारखंड के गोड्डा जिले में शुरू होने जा रही है. 22 राज्यों की टीमें गोड्डा के गांधी मैदान पहुंच चुकी हैं. चैंपियनशिप को लेकर सभी खिलाड़ी काफी उत्साहित हैं. लेकिन इन सबके बीच मणिपुर टीम की एक अलग ही दर्द जानने को मिला. मणिपुर में जारी हिंसा के कारण खिलाड़ियों को किसी भी तरह की सरकारी सुविधा नहीं मिल पा रही है. झारखंड पहुंचने के लिए भी उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा. इसमें भाग लेने के लिए खिलाड़ियों को 10,000 रुपये का भुगतान करना पड़ा है. ऐसे में जिन खिलाड़ियों के पास पैसे नहीं थे वे नहीं आ सके.
मणिपुर में नहीं मिल रही कोई सरकारी मदद:मणिपुर टीम की कोच और राष्ट्रीय अंपायर सविता देवी ने कहा कि गोड्डा आकर वह काफी खुश हैं. उन्हें यहां की व्यवस्था भी बहुत पसंद आई है. यह पहली बार है कि वह खिलाड़ियों के साथ यहां आयी हैं. उन्होंने रहने-खाने के साथ-साथ आने-जाने की व्यवस्था और मनोरंजन सुविधाओं की भी सराहना की. लेकिन इस दौरान उनका दर्द छलक आया. उन्होंने कहा कि वह एक बड़ी टीम लाने वाली थी, लेकिन खेल में भाग लेना बहुत महंगा है. ट्रेन नहीं चल रही है, बस से यात्रा नहीं कर सकते. ऐसे में हवाई मार्ग ही एकमात्र माध्यम है जिससे वे आ सकते हैं. लेकिन वह भी काफी महंगा है. इन खिलाड़ियों से मजबूरीवश 10-10 हजार रुपये लिया गया. इस वजह से यह संभव नहीं था कि सभी खिलाड़ी आ सकें. साथ ही उन्होंने कहा कि इस वक्त मणिपुर में लड़ाई चल रही है. ऐसे में वहां कोई सरकारी मदद नहीं मिल रही.
'मेरे मणिपुर में शांति ला दो':मणिपुर टीम के खिलाड़ियों ने कहा कि झारखंड आकर उन्हें आनंद आ रहा है. यहां का नजारा बेहद खूबसूरत है, यहां अच्छे दोस्तों के साथ-साथ अच्छा माहौल भी मिलता है, इस दौरान मणिपुर को लेकर खिलाड़ियों में दर्द झलका. उन्होंने अपील की 'मेरे मणिपुर में शांति ला दो'. इस दर्द और अपील के साथ ही उन्होंने चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन करने की भी बात कही और कहा कि वह कड़ी मेहनत करेंगी और अपने राज्य के लिए मेडल जीतेंगी.