संयुक्त राष्ट्र : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को यहां संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में 9वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर एक ऐतिहासिक समारोह में एक अनोखे योग सत्र का नेतृत्व करेंगे. जिसमें संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष अधिकारी, दुनिया भर के राजदूत और प्रमुख व्यक्ति भाग लेंगे. पीएम नरेंद्र मोदी ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर वीडियो संदेश के माध्यम से कहा कि शाम करीब साढ़े पांच बजे (भारतीय समय के अनुसार) मैं योग कार्यक्रम में हिस्सा लूंगा जो संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में आयोजित किया जा रहा है.
भारत के आह्वान पर 180 से अधिक देशों का एक साथ आना ऐतिहासिक है. 2014 में जब योग दिवस का प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र महासभा में आया, तो रिकॉर्ड संख्या में देशों ने इसका समर्थन किया. इससे पहले मोदी ने ट्वीट किया कि न्यूयॉर्क शहर पहुंच गया हूं. कल, 21 जून को विभिन्न नेताओं के साथ बातचीत और योग दिवस आयोजन सहित विभिन्न कार्यक्रम का इंतजार कर रहा हूं. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और प्रथम महिला जिल बाइडेन के निमंत्रण पर मोदी अपनी यात्रा के पहले चरण में न्यूयॉर्क में हैं.
संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने एक साक्षात्कार में बताया कि इस वर्ष योग उत्सव एक बहुत ही 'अनोखा अवसर' होगा क्योंकि वह प्रधानमंत्री मोदी ही थे जिन्होंने यह दृष्टि दी थी और उनके नेतृत्व ने यह सुनिश्चित किया कि हर साल 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया जाता है.
कंबोज ने कहा कि इसलिए करीब नौ साल बाद, उस नजरिये को पेश करने वाला अवसर संयुक्त राष्ट्र में आया है. उन्होंने कहा कि अब योग दिवस संयुक्त राष्ट्र का अनिवार्य अवसर है. उन्होंने कहा कि इसलिए दूरदर्शी नेता और संयुक्त राष्ट्र दोनों का एक साथ आना, मुझे लगता है अपने आप में बहुत अनूठा है. उन्होंने कहा कि योग कार्यक्रम को लेकर काफी उत्साह है. कंबोज ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहुत उत्साह है. इसे लेकर बहुत दिलचस्पी है. मैं कहूंगी, प्राचीन भारतीय अभ्यास योग सभी सीमाओं को पार कर गया है और यह एक वैश्विक घटना बन गया है.
कंबोज ने कहा कि तथ्य यह है कि मंच पर योग करने वाले बच्चे बहुत ही अनोखे होंगे. तो कुल मिलाकर मुझे लगता है कि यह अपनी तरह का एक अनूठा आयोजन होने जा रहा है. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतारेस ने योग दिवस के लिए अपने संदेश में कहा कि योग एकजुट करता है. उन्होंने कहा कि यह शरीर और मन, मानवता और प्रकृति और दुनिया भर में लाखों लोगों को एकजुट करता है, जिनके लिए यह शक्ति, सद्भाव और शांति का स्रोत है.