शिमला: पीएम नरेंद्र मोदी ने सोमवार को पराक्रम दिवस के मौके पर अंडमान निकोबार द्वीप समूह के 21 सबसे बड़े द्वीपों का नाम देश के परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर रखा गया. परमवीर चक्र देश का सर्वोच्च सैनिक सम्मान है, जो युद्ध के दौरान अदम्य साहस और पराक्रम दिखाने वाले जाबाजों को दिया जाता है. अब तक कुल 21 रणबांकुरों को परमवीर चक्र सम्मान से नवाजा जा चुका है और पीएम मोदी ने इन्हीं 21 परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर अंडमान निकोबार द्वीप समूह के 21 द्वीपों का नामकरण किया है. ताकि इन वीरों की जांबाजी और बलिदान को हमेशा याद रखा जाए. इन 21 परमवीर चक्र विजेताओं में से 4 जांबाजों का हिमाचल से संबंध है. जिन्होंने अपने शौर्य से वो मुकाम हासिल किया, जहां वो परमवीर कहलाते हैं.
मेजर सोमनाथ शर्मा-परमवीर चक्र भारत सरकार द्वारा वीरता के लिए दिया जाने वाला सर्वोच्च सैनिक सम्मान है और मेजर सोमनाथ शर्मा ये सम्मान पाने वाली देश की पहली शख्सियत है. मेजर सोमनाथ शर्मा का जन्म 31 जनवरी 1923 को तत्कालीन पंजाब और मौजूदा हिमाचल के कांगड़ा जिले में हुआ था. 1947 में आजादी के तुरंत बाद पाकिस्तानी घुसपैठियों ने जम्मू-कश्मीर पर हमला कर दिया था. जहां मेजर सोमनाथ शर्मा ने अपने अदम्य साहस का परिचय दिया.
उस दौरान मेजर सोमनाथ शर्मा ने कहा कि मैं एक इंच भी पीछे नहीं हटूंगा जब तक हमारे पास आखिरी गोली और आखिरी फौजी है, हम आखिरी गोली और आखिरी सांस तक लड़ेंगे. दुश्मनों की फायरिंग के बीच वो खुद भी लड़ते रहे और अपने सैनिकों में भी लड़ने का जोश भरते रहे. 3 नवंबर 1947 को मेजर सोमनाथ शर्मा शहीद हुए और 3 साल बाद साल 1950 में उन्हें परमवीर चक्र से नवाजा गया. अंडमान निकोबार द्वीप समूह के आस-पास मौजूद 21 द्वीपों में से सबसे बड़े आइलैंड का नाम सोमनाथ आइलैंड रखा गया है.
करगिल का 'शेरशाह' विक्रम बत्रा- करगिल युद्ध के हीरो कैप्टन विक्रम बत्रा का नाम कौन नहीं जानता. महज 24 साल की उम्र में शहीद होने वाले कैप्टन विक्रम बत्रा हिमाचल के पालमपुर के रहने वाले थे. 13 JAK RIF में बतौर लेफ्टिनेंट शामिल हुए विक्रम बत्रा को जंग के मैदान में ही कैप्टन प्रमोट किया गया क्योंकि उन्होंने करगिल में 5140 चोटी से विक्रम बत्रा ने पाकिस्तानियों का सफाया कर उसपर तिरंगा लहराया था.
करगिल में ही एक अन्य मिशन के दौरान अपने साथी को बचाने के लिए उन्होंने खुद की जान दांव पर लगाई और सर्वोच्च बलिदान दिया था. उनका कोडनेम शेरशाह था, इसी नाम से उनकी जिंदगी पर बॉलीवुड की फिल्म भी बन चुकी है. दुश्मनो को खदेड़ने के बाद उनका ये दिल मांगे मोर कहना कई युवाओं के दिल में जोश भरने वाला था. अंडमान निकोबार द्वीप समूह के एक आइलैंड का नाम अब बत्रा आइलैंड रख दिया गया है.