फतेहाबाद (हरियाणा) 2024 के लोकसभा चुनाव में भले अभी वक्त हो लेकिन बीजेपी के खिलाफ विपक्ष की एकजुटता की कोशिश अभी से नजर आने लगी है. रविवार को हरियाणा के फतेहाबाद जिले में इंडियन नेशनल लोकदल ने एक रैली का आयोजन किया. जहां देश के कई विपक्षी दलों के नेता एक ही मंच पर नजर आए. मौका देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल की 109वीं जयंती (devi lal birth anniversary) का था लेकिन सबका लक्ष्य 2024 का लोकसभा चुनाव था.
एक मंच पर विपक्ष- दरअसल हरियाणा की इनेलो पार्टी हर साल चौधरी देवीलाल की जयंती को सम्मान दिवस के रूप में मनाती है और इस मौके पर देश के तमाम विपक्षी दलों के नेताओं को न्योता दिया जाता है. लेकिन इस बार इस रैली को नीतीश कुमार जैसे नेताओं की मौजूदगी ने खास बना दिया. 2024 के चुनाव को देखते हुए सियासी गलियारों में भी इस रैली की चर्चा थी. इस रैली में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, पंजाब की शिरोमणि अकाली दल के सुखबीर सिंह बादल, एनसीपी सुप्रीमो शरद पंवार, सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी, शिवसेना के सांसद अरविंद सावंत, इनेलो सुप्रीमो ओम प्रकाश चौटाला, जेडीयू महासचिव केसी त्यागी, त्रिपुरा की IPFT पार्टी के मेवाड़ कुमार जमातिया जैसे नेता भी मौजूद रहे.
सम्मान दिवस रैली फतेहाबाद में विपक्ष एकजुट दिखा. रैली में कौन-कौन नहीं पहुंचा- दरअसल इस रैली के लिए इनेलो की तरफ से देशभर के विपक्षी दलों के नेताओं को न्योता दिया गया (Opposition Rally In Haryana) था. जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला तबीयत खराब होने के कारण नहीं पहुंच पाए. इस रैली के लिए तेलंगाना के सीएम चंद्रशखर राव, यूपी के पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव, सपा सुप्रीम अखिलेश यादव, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक के अलावा डीएमके नेताओं को भी न्योता दिया गया था लेकिन ये नेता रैली में नहीं पहुंच पाए.
निशाने पर बीजेपी और 2024- कार्यक्रम में पहुंचे नेताओं ने चौधरी देवीलाल को याद तो किया लेकिन सभी के निशाने पर बीजेपी और 2024 था. सभी नेताओं ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा और देश की सत्ता में बदलाव के लिए 2024 में एक साथ आने का आह्वान किया. 2024 तक विपक्षी एकजुटता के इस मंत्र का क्या होगा, ये तो भविष्य बताएगा लेकिन बीजेपी के खिलाफ देश में एकजुट होने की कोशिश हरियाणा की जमीन से हो गई है.
रैली को नीतीश कुमार जैसे नेताओं की मौजूदगी ने खास बना दिया. नीतीश कुमार ने क्या कहा- बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में आज 7 राजनीतिक दल एक साथ हैं जबकि एक पार्टी अलग खड़ी है. नीतीश कुमार का इशारा बीजेपी की ओर (Nitish Kumar On BJP) था. उन्होंने कहा कि 2024 में उनके लिए जीतना मुमकिन नहीं है, भले वो कितनी भी बड़ी-बड़ी बातें कर लें. 2024 में बदलाव लाने के लिए सभी को साथ आना होगा, इसके लिए हमने कांग्रेस से भी अनुरोध किया है. किसी एक राज्य में नहीं बल्कि पूरे देश में विपक्षी दलों को साथ आना होगा. नीतीश कुमार ने कहा कि ये तीसरा गठबंधन नहीं बल्कि मुख्य गठबंधन होगा.
चौधरी देवीलाल की 109वीं जयंती पर आयोजित सम्मान दिवस रैली को संबोधित करते हुए नीतीश कुमार. 'बीजेपी है बड़का झूठा पार्टी'- बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा कि आज केंद्र में बैठी सरकार चाहती है कि देश में केवल बीजेपी और संघ ही बचे, लेकिन किसान आंदोलन के जरिये देश के किसानों ने इन्हें सबक सिखाया है. आज देश की सरकार में बैठे लोग इधर उधर की बातें करते हैं लेकिन किसान, महंगाई और बेरोजगारी की बात नहीं करते. इस सरकार ने देश की सेना में जाने वाले युवाओं के साथ भी धोखा किया है. तेजस्वी यादव ने कहा कि बीजेपी का मतलब है बड़का झूठा पार्टी, जो सिर्फ और सिर्फ झूठ बोलती है. इसलिये अगर 2024 में बदलाव लाना है तो सबको एकजुट होना होगा ताकि 2024 में देश की सांप्रदायिक ताकतों को उखाड़ फेंके.
माकपा नेता सीताराम ने बीजेपी की तुलना राक्षसों से की. 'केरल की जनता की तरह देश की जनता करे फैसला'- माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने बीजेपी पर निशाना साधते (Sitaram Yechury Comment On BJP) हुए कहा कि मौजूदा सरकार में अमीर और अमीर हो रहे हैं और गरीब और गरीब. उनकी सरकार सिर्फ कुछ कारोबारियों के साथ हैं, जो उनके राज में फल फूल रहे हैं. उनको समझना होगा कि वो देश के मालिक नहीं हैं, बल्कि देश की मालिक जनता है. सीताराम येचुरी ने बीजेपी पर देश को धर्म के आधार पर बांटने का भी आरोप लगाया.
येचुरी ने कहा कि आज देश की जनता को केरल की जनता जैसा फैसला करना होगा, केरल में बीजेपी का सांसद तो छोड़िये एक विधायक तक नहीं जीत पाया. साल 2024 में देश की जनता को ऐसा ही करना चाहिए. उन्होंने बीजेपी की तुलना राक्षस से करते हुए कहा कि बीजेपी कहती है कि अमृत काल चल रहा है लेकिन अमृत समुद्र मंथन के बाद निकला था और जब अमृत कलश निकला था तो वो सबसे पहले राक्षसों के हाथ लग गया था. जिसे बाद में देवताओं ने अपने कब्जे में लिया. इसी तरह 2024 में देश की सत्ता से भी बीजेपी को हटाना है.
'देश को बीजेपी मुक्त बनाना है'- शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल ने भी 2024 में सभी दलों को बीजेपी के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान किया. बादल ने कहा कि ये वक्त एक नए गठबंधन का है, जिसमें सबको एक साथ आना होगा. ताकि देश को बीजेपी मुक्त बनाया जा सके. गौरतलब है कि शिरोमणि अकाली दल भी लंबे वक्त तक एनडीए का हिस्सा रही है.
रैली को संबोधित करते हुए एनसीपी सुप्रीमों शरद पंवार 'किसानों की अनदेखी महंगी पड़ेगी'-सम्मान दिवस रैली फतेहाबाद (Samman Diwas Rally In Fatehabad) में किसान आंदोलन की चर्चा सभी नेताओं ने की और तीन कानून बनाने से लेकर किसानों की अनदेखी करने को लेकर बीजेपी पर जमकर निशाना साधा. पूर्व कृषि मंत्री और एनसीपी अध्यक्ष शरद पंवार ने कहा कि इस सरकार ने किसानों के साथ धोखा किया है, पहले किसानों के खिलाफ तीन कृषि कानून बनाए और फिर किसानों की बात सुनने की बजाय एक साल तक उन्हें दिल्ली की दहलीज पर बैठने को मजबूर किया गया. इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला ने भी कहा कि देश तभी खुशहाल होगा जब किसान खुशहाल होगा लेकिन मौजूदा सरकार ने किसानों का कुछ भी भला नहीं किया. किसानों की आय दोगुनी करना तो छोड़िये अब तक MSP की गारंटी तक नहीं दी गई है. ओम प्रकाश चौटाला ने कहा कि साल 2024 में केंद्र ही नहीं बल्कि हरियाणा में भी सत्ता परिवर्तन होकर रहेगा.
इंडियन नेशनल लोकदल की महारैली में कई पार्टियों के दिग्गज जुटे. एकजुटता का राग बनाम मोदी सरकार- हरियाणा में एक मंच पर आए विपक्षी दलों के नेताओं ने एकजुटता का संदेश तो दिया है लेकिन सवाल है कि क्या एकजुटता का ये राग बीजेपी के खिलाफ कारगर साबित होगा. इस सवाल का जवाब भले आज देना मुश्किल हो लेकिन बीते दौर में ऐसे कई मोर्चे बनकर बिखर चुके हैं. विपक्ष एक साथ आकर सरकार बनाने का दावा कर रहा है तो दूसरी तरफ पीएम मोदी ऐसी मिली जुली और गठबंधन की सरकारों को देश के विकास के लिए हानिकारक बता चुके हैं. एक दिन पहले ही शनिवार को हिमाचल में एक जनसभा को वर्चुअली संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा था कि आज दुनियाभर में भारत की साख मजबूत हुई है.
दुनियाभर के देशों का भारत पर भरोसा इसलिये बढ़ा है क्योंकि पिछले 8 सालों से यहां एक स्थिर सरकार है. पीएम मोदी ने कहा था कि देश में कई दशक तक अस्थिर सरकार रही और कई दलों की मिली जुली सरकारें दुनिया को भरोसा नहीं दिला पाई़. दुनियाभर के देश सोचते रहते थे कि ये सरकार कब तक चलेगी, जिसकी वजह से देश के विकास पर ब्रेक लगा. कुल मिलाकर हरियाणा की जमीन पर साथ आया विपक्ष अगर अगले दो साल तक एकजुट रह पाया तो कई दलों की ये जुगलबंदी 2024 के चुनाव को दिलचस्प बना देगी.
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