लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इन दिनों सरकार की छवि को लेकर फीडबैक जुटा रहे हैं. शासन के अधिकारी मीडिया में सरकार और ब्यूरोक्रेसी से जुड़ी खबरों का विश्लेषण कर रहे हैं. खुद सीएम जिलों से शासन की योजनाओं के बारे में रिपोर्ट की जांच कर रहे हैं. योजनाओं की ग्राउंड में डिलीवरी हो रही है या नहीं, इस पर भी सीएमओ ने नजर गड़ा रखी है. माना जा रहा है कि योगी इस कवायद से 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव (2024 Lok Sabha elections) की तैयारी में जुट गए हैं.
पिछले दो लोकसभा चुनाव के दौरान उत्तर प्रदेश में दमदार प्रदर्शन की बदौलत भारतीय जनता पार्टी ने केंद्र में स्पष्ट बहुमत हासिल किया था. इसके अलावा मुफ्त राशन की स्कीम के कारण बीजेपी उत्तर प्रदेश में दोबारा सत्ता में लौटी है. यही कारण है कि सीएम योगी ने अधिकारियों को हिदायत दी है कि धरातल पर शासन की योजनाओं की डिलीवरी सुनिश्चित करें. मुख्यमंत्री कार्यालय ( CMO) के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, सीएम खुद जिलों और मंडलों से रिपोर्ट तलब कर रहे हैं .
पिछले दिनों कई विधायकों ने सीएम से अफसरों के रवैये के बारे में शिकायत की थी. विधायकों का कहना है कि जिलों में अधिकारी उनकी बात नहीं सुन रहे हैं, इस कारण जनहित से जुड़ी समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा है. जनप्रतिनिधियों ने सीएम ऑफिस को बताया था कि जिले के कई अधिकारी उनके फोन नहीं उठा रहे हैं. इसके अलावा कई मंत्रियों ने भी सीएम को गोपनीय पत्र लिखकर अधिकारियों की लाल फीताशाही की शिकायत की थी. इसके बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने तेवर सख्त किए और जिलों से रिपोर्ट तलब करना शुरू कर दिया. इस कवायद का मकसद अफसरों को मनमानी पर अंकुश लगाना भी है.
सरकार को यह काम लगातार करना चाहिए कि जिलों में सरकार के कामकाज कैसे चल रहे हैं. शासन की योजनाओं की डिलिवरी कैसी है. अधिकारियों द्वारा जनता की समस्याओं का निस्तारण ठीक ढंग से हो रहा है या नहीं. सरकार को पूरा फीडबैक लगातार लेना चाहिए. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसी पॉलिसी पर काम कर रहे हैं.