नई दिल्ली : गणतंत्र दिवस के मौके पर झांकियां आकर्षण का केंद्र रहती हैं. इस बार कुल 32 झांकियां राजपथ पर नजर आएंगी, जिनमें से 17 झांकियां राज्यों से संबंधित है और बाकी झांकियां अलग-अलग मंत्रालय और विभागों से संबंधित हैं.
इन झांकियों के साथ लगभग 300 कलाकार भी राजपथ पर अपनी कला का प्रदर्शन करते हुए नजर आएंगे. इस बार जहां हाल ही में यूनियन टेरिटरी बने लद्दाख की झांकी नजर आएगी. वहीं कोविड-19 पर भी एक झांकी होगी.
राजपथ पर 32 झांकियों से दिखेगा मिनी इंडिया सबसे पहली झांकी रैदास की होगी और उसके बाद दूसरी झांकी गुजरात के सूर्य मंदिर को दर्शाती नजर आएगी. आंध्र प्रदेश के विजयनगर की लेपाक्षी कला राजपथ पर नजर आएगी, तो वहीं अरुणाचल प्रदेश में पूर्व और पश्चिम का मेल होगा.
असम की झांकी चाय से संबंधित होगी और तमिलनाडु की झांकी पल्लव राजाओं पर आधारित रहेगी. महाराष्ट्र की झांकी भक्ति मूवमेंट पर होगी, जहां छत्रपति शिवाजी और संत तुकाराम महाराज की प्रतिमाएं नजर आएंगी.
वहीं, उत्तराखंड की झांकी में केदारनाथ नजर आएगा. छत्तीसगढ़ की झांकी में छत्तीसगढ़ का लोक संगीत होगा तो वहीं, पंजाब की झांकी में सिखों के नौवें गुरु श्री गुरु तेग बहादुर के बारे में बताया जाएगा.
त्रिपुरा की झांकी आत्मनिर्भर भारत पर आधारित होगी, जिसमें अजंता महल की झलक होगी. पश्चिम बंगाल की झांकी में साबूज साठी, जो राज्य सरकार की स्कीम है, विद्या और साइकिल पर आधारित होगी. सिक्किम की झांकी में सॉन्ग लहास ऑल पर्व नजर आएगा, तो उत्तर प्रदेश की झांकी अयोध्या की विरासत को दर्शाती नजर आएगी.
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दिल्ली की झांकी में शाहजहानाबाद और चांदनी चौक को किस तरह से निखारा गया है वह दिखाया जाएगा. कर्नाटका की झांकी में विजयनगर की झलक होगी, तो केरल की झांकी में नारियल का महत्व नजर आएगा. आंध्र प्रदेश की झांकी में लेपाक्षी कला नजर आएगी जिसमें मुरल चित्र भी होंगे.
राजपथ पर गणतंत्र दिवस से पहले 23 जनवरी को फुल ड्रेस रिहर्सल होगी.