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'पासपोर्ट एक्ट का उल्लंघन कर चल रहे 20 से अधिक समुद्री इमिग्रेशन चेक पोस्ट' - पासपोर्ट एक्ट का उल्लंघन

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक संसदीय पैनल को सूचित किया है कि पासपोर्ट अधिनियम का उल्लंघन कर 20 से अधिक समुद्री आव्रजन पोस्ट काम कर रही हैं, जो एक संभावित सुरक्षा खतरा है (marine immigration check posts ). इससे यात्रियों और चालक दल की आव्रजन मंजूरी मिल सकती है. ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता गौतम देबरॉय की रिपोर्ट.

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केंद्रीय गृह मंत्रालय

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Published : Mar 20, 2023, 10:34 PM IST

Updated : Mar 20, 2023, 10:58 PM IST

नई दिल्ली: गृह मंत्रालय (एमएचए) ने कहा है कि 20 से अधिक गैर-अधिसूचित समुद्री आव्रजन जांच चौकियां पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) अधिनियम, 1920 और उसके तहत बनाए गए नियमों का उल्लंघन कर काम कर रही हैं (marine immigration check posts).

गृह मंत्रालय ने एक संसदीय समिति को बताया है कि ऐसे स्थानों में, स्थानीय पुलिस जहाज के चालक दल को उनकी सीमित ऑफ़लाइन जानकारी के साथ साइन ऑन/एम्बर्केशन या साइन ऑफ/डिसबार्किंग द्वारा समायोजित करने का प्रयास करती है और वस्तुतः कोई भौतिक बुनियादी ढांचा नहीं है.

यह खुलासा गृह मंत्रालय की 242वीं अनुदान मांगों की रिपोर्ट में किया गया, जिसे 17 मार्च को राज्यसभा में पेश किया गया था. इस रहस्योद्घाटन का महत्व इस तथ्य के बाद है कि समुद्री बंदरगाहों के माध्यम से दवाओं की तस्करी सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ी चिंता बन गई है. सबसे विशेष रूप से, 2021 में गुजरात के मुंद्रा बंदरगाह के माध्यम से लगभग 2988 किलोग्राम हेरोइन भारत में लाई गई थी.

आवश्यक तकनीकी और भौतिक बुनियादी ढांचा नहीं :गृह मंत्रालय ने कहा कि 'यह एक संभावित सुरक्षा खतरा है. इससे यात्रियों/चालक दल की अप्रवासन निकासी हो सकती है, जो एक सुरक्षा जोखिम हैं. कानूनी रूप से कहा जाए तो इन बंदरगाहों पर अप्रवासन कार्य नहीं किए जा सकते हैं क्योंकि न तो उन्हें आईसीपी के रूप में अधिसूचित किया गया है और न ही उनके पास एक सुरक्षित आव्रजन प्रक्रिया को पूरा करने के लिए आवश्यक तकनीकी और भौतिक बुनियादी ढांचा है.'

गृह मंत्रालय ने कहा कि 'वे ऑफ़लाइन हैं और केंद्रीकृत अप्रवासन प्रणाली से नहीं जुड़े हैं जो दिल्ली में स्थित बैकएंड डेटा सेंटर द्वारा सेवा प्रदान की जाती है.' इसलिए समिति को सूचित किया गया था, मंत्रालय ने स्वीकार किया कि ऐसे अनधिकृत अप्रवास बिंदुओं के माध्यम से अवांछित तत्वों के भारत में घुसने या भारत से भागने की संभावना है. गृह मंत्रालय इस मामले को राज्य सरकार के अधिकारियों और स्थानीय बंदरगाह प्राधिकरणों के साथ उठा रहा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी बंदरगाहों पर आप्रवासन न केवल व्यापार के अनुकूल हो बल्कि देश के लिए भी सुरक्षित और सुरक्षित हो.

एमएचए ने कहा कि वर्तमान में, भारत में 31 अधिकृत सीपोर्ट इमिग्रेशन चेक पोस्ट (आईसीपी) हैं. उनमें से, 10 ICPs ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन (BoI), MHA के प्रत्यक्ष नियंत्रण और प्रबंधन के अधीन हैं.

एमएचजीए ने कहा, 'शेष ICPs को राज्य पुलिस एजेंसियों द्वारा नियंत्रित किया जाता है. मौजूदा विनियमों (भारत में प्रवेश) पासपोर्ट नियम, 1950 के अनुसार जल, भूमि या हवाई मार्ग से भारत में प्रवेश करने या भारत से बाहर निकलने वाले भारतीय नागरिकों सहित किसी भी व्यक्ति के पास (ए) एक वैध पासपोर्ट होना चाहिए जिसमें विदेशी के मामले में वीजा शामिल है और (बी) केवल प्रवेश/निकास के ऐसे बंदरगाह का उपयोग करें जिसे केंद्र सरकार द्वारा आईसीपी के रूप में नामित किया गया है.'

एमएचए ने कहा कि दूसरे शब्दों में, कोई भी व्यक्ति नामित आईसीपी के माध्यम से भारत में प्रवेश या बाहर नहीं जा सकता है. ये 31 अधिकृत सीपोर्ट आईसीपी एकमात्र अधिसूचित जलमार्ग हैं, जिनके द्वारा जहाज में कोई भी चालक दल या यात्री कानूनी रूप से भारत में प्रवेश या बाहर निकल सकता है. बीओआई यह सुनिश्चित करता है कि सभी नामित आईसीपी पर एकसमान आव्रजन प्रक्रियाओं का पालन किया जाए, विशेष रूप से उन दस जो उनके द्वारा संचालित हैं.

अधिसूचित 31 आईसीपी का प्रबंधन संबंधित पोर्ट ट्रस्ट/एजेंसियों द्वारा किया जाता है जो अप्रवास कार्यों के लिए आवश्यक सुविधाओं सहित सभी आवश्यक भौतिक बुनियादी ढांचे को बनाए रखने के लिए जिम्मेदार हैं. BoI जनशक्ति और सुरक्षा जांच गैजेट (पासपोर्ट पढ़ने की मशीन, डेटा केंद्रों के लिंक, स्थानीय सर्वर, वेब-कैमरा, कंप्यूटर, बार कोड रीडर, स्कैनर आदि) प्रदान करता है.

एमएचए ने कहा कि 'भौतिक अवसंरचना जैसे स्थान/आश्रय, एसी वातावरण, टेलीफोन लाइन, वाहन और आवास आदि की व्यवस्था संबंधित बंदरगाह प्राधिकारियों द्वारा की जानी है.'

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Last Updated : Mar 20, 2023, 10:58 PM IST

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