जयपुर. 2 साल का तनिष्क जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहा है. तनिष्क एक दुर्लभ बीमारी 'स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी' से पीड़ित (Tanishq suffering from Spinal Muscular Atrophy) है. शुरुआत में इस बीमारी के इलाज के लिए तकरीबन 16 करोड़ के इंजेक्शन की आवश्यकता पड़ती है. लेकिन अब तनिष्क 2 साल का हो चुका है, तो ऐसे में एक ओरल दवा से तनिष्क का इलाज हो सकता है. लेकिन अभी भी तनिष्क के पिता अपने बच्चे के इलाज के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं. कई बार तनिष्का को जेके लोन अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती करवाया गया.
तनिष्क के पिता अपने बच्चे की जिंदगी बचाने के लिए लगातार सरकार से गुहार लगा रहे हैं. मगर तनिष्क के पिता का कहना है कि सरकार बच्चे की सुध नहीं ले रही. तनिष्क स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी नाम की दुर्लभ बीमारी से ग्रस्त है और उसे रिस्डिप्लाम दवा की जरूरत है. इसकी कीमत लगभग 72 लाख रुपए है. लेकिन यह दवा वजन के हिसाब से दी जाती है. तनिष्क का वजन 7 किलो के करीब है. इसलिए दवा का खर्च 30-32 लाख रुपए बताया गया (cost of treatment of spinal muscular atrophy) है. ऐसे में बच्चे की जिंदगी बचाने का केवल यही एक विकल्प है.
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तनिष्क को 2 साल के भीतर 16 करोड़ रुपए के Zolgensma injection लगना था, लेकिन तनिष्क के पिता के लिए 16 करोड़ जुटाना असंभव था. तनिष्क के पिता ने दावा किया है कि उनके पास 15 ऐसे बच्चो की लिस्ट है जिन्हें ये दवा दी जा रही है. तनिष्क का सबसे ऊपर नाम है, लेकिन उसे ये दवा नहीं दी जा रही है. तनिष्क दिनों दिन सिकुड़ता और कमजोर होता जा रहा है. तनिष्क के पिता स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा से गुहार लगा चुके हैं. उनका कहना है कि उनके पास सीएम ऑफिस से कॉल आया था और जेके लोन के डॉक्टरों की ओर से बताया गया था कि बच्चे को 30 लाख रुपए की ओरल दवा दी जाएगी. हालांकि इस दवा का अभी भी इंतजार है. तनिष्क 2 साल 4 महीने का हो चुका है, लेकिन उसका वजन 7 किलो 700 ग्राम है.