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दो भारतीय छात्राओं ने प्रतिष्ठित विक्टोरियन प्रीमियर पुरस्कार जीता

ऑस्ट्रेलिया में दो भारतीय छात्राओं दिव्यांगना शर्मा और रितिका सक्सेना ने प्रतिष्ठित विक्टोरियन प्रीमियर का पुरस्कार जीता है.

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Published : Oct 7, 2022, 9:16 AM IST

Updated : Oct 7, 2022, 9:44 AM IST

दो भारतीय छात्राओं ने प्रतिष्ठित विक्टोरियन प्रीमियर पुरस्कार जीता
दो भारतीय छात्राओं ने प्रतिष्ठित विक्टोरियन प्रीमियर पुरस्कार जीता

कैनबरा (ऑस्ट्रेलिया) :ऑस्ट्रेलिया में दो भारतीय छात्राओं दिव्यांगना शर्मा और रितिका सक्सेना ने प्रतिष्ठित विक्टोरियन प्रीमियर का पुरस्कार जीता है. द ऑस्ट्रेलिया टुडे के मुताबिक, अमित सरवाल ने कहा कि ये पुरस्कार विक्टोरिया में उत्कृष्ट अंतरराष्ट्रीय छात्रों को सम्मानित करने की विक्टोरियन सरकार की एक पहल है. दिव्यांगना शर्मा ने प्रतिष्ठित विक्टोरियन प्रीमियर अवार्ड - इंटरनेशनल स्टूडेंट ऑफ द ईयर 2021-22 जीता है, जबकि रितिका सक्सेना ने रिसर्च कैटेगरी में इंटरनेशनल स्टूडेंट ऑफ द ईयर का पुरस्कार जीता है.

दिव्यांगना ने उच्च शिक्षा श्रेणी में विक्टोरियन अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा पुरस्कार 2021-22 भी जीता है. सरवाल ने कहा कि वह फरवरी 2020 में होम्सग्लेन इंस्टीट्यूट में नर्सिंग की पढ़ाई करने मेलबर्न आई थीं. उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक विविधता, LGBTQIA+ समुदाय का समावेश, शिक्षा के अवसर, कला और संस्कृति ही मेलबर्न को एक अनूठा शहर बनाती है और विदेशों में अध्ययन करने के इच्छुक लोगों के लिए एक चुंबक की तरह काम करती है.

द ऑस्ट्रेलिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, रितिका 18 साल की उम्र में मेलबर्न चली गईं और अब स्टेम सेल अनुसंधान में शामिल पीएचडी की छात्रा हैं. रितिका ने कहा कि जब आप विक्टोरिया जाते हैं, तो आप एक अंतरराष्ट्रीय छात्र होते हैं. लेकिन जब तक आप अपनी डिग्री पूरी करते हैं, तब तक आप वास्तव में वैश्विक नागरिक बनते हैं. प्रत्येक छात्र श्रेणी में पुरस्कार विजेताओं को उनकी पढ़ाई में मदद करने के लिए 6,000 अमरीकी डालर से सम्मानित किया जाता है. प्रति छात्र श्रेणी में दो उपविजेता को 2,000 अमरीकी डालर से सम्मानित किया जाता है.

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सरवाल की रिपोर्ट के अनुसार, प्रीमियर अवार्ड - इंटरनेशनल स्टूडेंट ऑफ द ईयर के प्राप्तकर्ता को अपनी पढ़ाई में इस्तेमाल करने के लिए 10,000 अमरीकी डालर मिलते हैं. उन्होंने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि यह पुरस्कार उन भारतीय माता-पिता के लिए आशा की किरण है जो विदेशों में भारतीय छात्रों के खिलाफ घृणा अपराधों में वृद्धि कारण अपने बच्चों को यहां भेजने से कतरा रहे हैं. यह मूल प्रश्न उठाता है कि विदेशों में उच्च अध्ययन करना कितना सुरक्षित है. छात्र वीजा के लिए आवेदन करने से पहले माता-पिता और छात्रों को कितना सतर्क रहना चाहिए.

कनाडा में स्वामीनारायण मंदिर और भारत विरोधी भित्तिचित्र सहित हिंदू धर्म के प्रतीकों के साथ तोड़फोड़ की कई गतिविधियों के बाद, भारतीय विदेश मंत्रालय ने कनाडा में रहने वाले भारतीय नागरिकों से सतर्क रहने को कहा है. यह कहते हुए कि कनाडा में घृणा अपराधों, सांप्रदायिक हिंसा और भारत विरोधी गतिविधियों की घटनाओं में तेज वृद्धि हुई है. विदेश मंत्रालय ने भारतीय नागरिकों, विशेष रूप से छात्रों को आधिकारिक भारतीय दूतावास की वेबसाइटों जो कि सरकार के साथ सबसे तेज संपर्क पर पंजीकरण सुनिश्चित करने के लिए कहा है.

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विदेश मंत्रालाय ने कनाडा में हमारे उच्चायोग/वाणिज्य दूतावास ने इन घटनाओं को कनाडा के अधिकारियों के साथ उठाया है और उनसे उक्त अपराधों की जांच करने और उचित कार्रवाई करने का अनुरोध किया है. कनाडा विदेश में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों के लिए शीर्ष विकल्पों में से एक है. छात्रों को संबोधित करते हुए, विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारतीय नागरिकों और कनाडा में भारत के छात्रों और यात्रा / शिक्षा के लिए कनाडा जाने वालों को सलाह दी जाती है कि वे सावधानी बरतें और सतर्क रहें. विदेशों में भारतीय दूतावास और उच्चायोग स्थानीय अधिकारियों के साथ-साथ विदेशों में पढ़ रहे भारतीय छात्रों के संपर्क में हैं और उनकी सुरक्षा के लिए सर्कुलर जारी करते हैं.

Last Updated : Oct 7, 2022, 9:44 AM IST

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