हैदराबाद : 1 जनवरी 2022 को पड़ने वाली मासिक शिवरात्रि पौष मास की पहली शिवरात्रि है. मासिक शिवरात्रि का पर्व भगवान शिव को समर्पित है. इस दिन भगवान शिव की विधिपूर्वक पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. शास्त्रों में पौष मास को भगवान शिव की पूजा के लिए उत्तम माना गया है. मान्यता है कि मासिक शिवरात्रि पर पूजा करने से शिवजी बहुत जल्द प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों की बाधा, संकट और परेशानियों को दूर करते हैं. इस दिन माता पार्वती की पूजा का भी विशेष महत्व है.
निशित काल में करें शिव की पूजा : धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मासिक शिवरात्रि की पूजा आधी रात में की जाती है. इसे निशित काल कहा जाता है. मान्यता है कि महा शिवरात्रि की मध्य रात्रि में भगवान शिवलिंग के रूप में प्रकट हुए थे. पूजा की शुरुआत भगवान शिव की मूर्ति या शिवलिंग के अभिषेक से करें. भोलेनाथ को गंगाजल, दूध, दही, घी, शहद, सिंदूर, हल्दी पाउडर, गुलाब जल और बेल के पत्ते चढ़ाए जाते हैं. इसके बाद भगवान शिव की आरती या भजन गाए जाते हैं और शंख बजाया जाता है. शिवरात्रि के व्रत का पारण अगले दिन किया जाता है. शिवरात्रि व्रत के दौरान ॐ नमः शिवाय का जाप करना काफी शुभ माना जाता है. शिवजी की कृपा से मासिक शिवरात्रि व्रत रखने वाले के कठिन काम भी पूरे हो जाते हैं. कहा जाता है कि शिवरात्रि की रात श्रद्धालुओं को जागरण करना चाहिए और आधी रात के वक्त शिव पूजा करनी चाहिए. अविवाहित युवतियां विवाह के लिए मासिक शिवरात्रि व्रत रखती हैं जबकि विवाहितें शादीशुदा जीवन में शांति के लिए यह व्रत रखती हैं.