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1971 भारत-पाक युद्ध के हीरो जनरल इयान कारडोजो ने अग्निपथ योजना पर उठाए सवाल, सेना में महिलाओं की एंट्री पर कही ये बात - General Ian Cardozo

सोलन में खुशवंत सिंह लिटफेस्ट का आयोजन किया गया है. लिटफेस्ट के दूसरे दिन के कार्यक्रम में 1971 भारत पाकिस्तान युद्ध के हीरो मेजर जनरल इयान कारडोजो शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने अग्निपथ योजना को लेकर सरकार पर सवाल खड़े किए. पढ़िए पूरी खबर...(Solan Khushwant Singh Litfest) (General Ian Cardozo) (Ian Cardozo raised questions on Agneepath Scheme)

Ian Cardozo on Agneepath Scheme
जनरल इयान कारडोजो ने अग्निपथ योजना पर उठाए सवाल

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 14, 2023, 8:30 PM IST

Updated : Oct 14, 2023, 10:25 PM IST

इयान कारडोजो ने अग्निपथ योजना पर उठाए सवाल

सोलन:हिमाचल प्रदेश के सोलन में आयोजित खुशवंत सिंह लिटफेस्ट का दूसरे दिन 1971 भारत-पाकिस्तान युद्ध के हीरो मेजर जनरल इयान कारडोजो के नाम रहा. उनके संवाद के दौरान कई बार तालियां बजी और सत्र के समापन पर सभी ने खड़े होकर उनको सम्मान दिया. अपनी पुस्तक वियोंड द फियर पर चर्चा करते हुए वह सारा जाकोब के सवालों पर खुलकर बोले. इस दौरान कारडोजो ने केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा अग्निपथ योजना क्या है, चार साल का प्रशिक्षण ?. राजनेता जिस तरह से सेना के साथ बर्ताव कर रहे हैं, उसकी आवाज हमें ही उठानी होगी, लेकिन ज्यादात्तर पूर्व सेना अधिकारी और लोग इसमें चुप रहते हैं.

'सेना में महिलाओं का होना गलत':कारडोजो ने कहा सेना में महिलाओं को लिया जाना गलत है. क्योंकि सेना में ऐसी-ऐसी जगह पर जाना पड़ता है, जहां पर महिलाएं नहीं जा सकती. उन्होंने कहा वह महिला और पुरूष को एक नहीं समझते. क्योंकि जो काम पुरूष कर सकते हैं, वह महिलाएं नहीं कर सकती और जो महिलाएं कर सकती, वह पुरूष नहीं है. ऐसे में सेना के अलावा महिलाओं को भले ही पुरूष के साथ मौका दिया जाए, लेकिन सेना में लिया जाना गलत है.

'1984 में सेना को देरी से बोला गया':उन्होंने कहा 1984 में दंगों के दौरान सेना को देरी से दंगों को रोकने के लिए बोला गया. यदि समय रहते सेना को बोल दिया होता तो उस समय इतने दंगे नहीं भड़कते. उन्होंने कहा कि अब मणिपुर में भी वही किया जा रहा है. वहां पर भी अभी तक कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा.

'रक्षा मंत्री राजनाथ तक पहुंचाया था आधी सैलरी और पेंशन का मुद्दा':जनरल इयान ने कहा आज देश में कई बड़े मुद्दे हैं, लेकिन चर्चा नहीं हो पा रही है. उन्होंने कहा जब वे युद्ध के दौरान घायल हुए थे तो, वे पैर कटने के कारण 9 महीने अस्पताल में थे. उन्हें 6 महीने बाद एक पत्र प्राप्त हुआ था कि वे आधी सैलरी प्राप्त कर पाएंगे और जब तक वे रिटायर नहीं हुए, तब तक वे आधी सैलरी लेते रहे. रिटायर होने के 30 साल बाद तक वे पेंशन भी कम लेते रहे. ऐसे में उन्होंने इस मुद्दे को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के समक्ष रखा और कहा उन्हें आधी पेंशन क्यों ? उसके बाद इसको लेकर कार्रवाई की गई और उन्हें पूरी पेंशन मिली.

पेंशन बंद होने पर उठाए सवाल:उन्होंने कहा आज सेना में व्यापार देखने को मिल रहा है, लेकिन सेना का जवान अपने देश अपने देशवासियों से प्यार करता है. उनकी रक्षा के लिए हमेशा आगे रहता है, लेकिन आज कोई भी सेना का अधिकारी सेना के मुद्दों को सेना की बातों को नहीं उठाना चाहता. उन्होंने कहा सैनिकों की पेंशन में छूट देने का बिल राजनाथ सिंह लोकसभा में लाए थे, लेकिन उसे राजनीति के चलते उसे वापस लेना पड़ा. उन्होंने कहा अगर इसी तरह से सेना के जवानों के साथ ऐसा होता रहा तो अगली लड़ाई कौन लड़ेगा?

बता दें कि जनरल इयान कारडोजो साल 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के हीरो हैं. जिनकी बहादुरी के किस्से किसी में भी जोश भरने के लिए काफी है. यह उनका युद्ध कौशल ही था कि छोटी सी 5/4 गोरखा बटालियन ने पाकिस्तान की 2 ब्रिगेड को सरेंडर करने पर मजबूर कर दिया था.

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Last Updated : Oct 14, 2023, 10:25 PM IST

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