गांधीनगर: गुजरात सरकार ने संसदीय लोकतंत्र व्यवस्था में एक अहम फैसला लिया है. राज्य विधानमंडल जुलाई का विशेष सत्र आयोजित करने जा रहा है. यह सत्र इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें राज्य विधानसभा के अध्यक्ष, मुख्यमंत्री, उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों, विधायकों और विधानसभा में काम करने वाले अन्य अधिकारियों के बजाय गुजरात में पढ़ने वाले छात्र दिखाई देंगे.
वहीं विधानसभा में बैठे छात्र, विधायकों के रूप में होंगे और वे गुजरात विधानसभा की कार्यप्रणाली और परंपरा का पालन करते हुए लोकतांत्रिक परंपरा सीखते नजर आएंगे. गुजरात विधानसभा चुनाव में महीनों दूर हैं. 2 जुलाई को सदन में एक दिन के लिए एक विशेष सत्र निर्धारित किया गया है, जब राजनेता विधानसभा के किनारे बैठे हैं. मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, अध्यक्ष निमाबाहेन आचार्य और विपक्षी विधायक मौजूद रहेंगे लेकिन केवल दर्शक के रूप में.
कक्षा 10 से 12 और कॉलेज के छात्र होंगे सदन के सदस्य: गुजरात विधानसभा में 2 जुलाई को एक दिवसीय विशेष सत्र का आयोजन किया गया है. यह विशेष कार्यक्रम अहमदाबाद के एक एनजीओ द्वारा आयोजित किया जा रहा है. जिसमें कक्षा 10 से 12 तक और विभिन्न जिलों के कॉलेज के छात्र विधानसभा में सदन के नेता, विपक्ष के नेता, दंडक, उप-दंडक और अध्यक्ष के रूप में दिखाई देंगे.
युवा राजनीति का उद्देश्य: विधानसभा अध्यक्ष निमाबहेन आचार्य ने कहा कि इस संबंध में विधानसभा अध्यक्ष के रूप में कार्यक्रम को मंजूरी दी गई है. विधान सभा का विशेष युवा राजनीति सत्र 2 जुलाई को होगा, जिसमें छात्र विधान सभा की कार्यवाही की तरह ही कार्यवाही का संचालन करेंगे. जबकि गुजरात विधानसभा में ऐसा पहली बार हो रहा है और इससे पहले राजस्थान विधानसभा में भी इसी तरह की योजना बनाई जा चुकी है. युवा राजनीति पर विशेष सत्र में राज्य भर से 400 विभिन्न गणमान्य व्यक्तियों को आमंत्रित किया गया है. जहां ये सभी गणमान्य व्यक्ति दर्शक दीर्घा में नजर आएंगे.
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