दिल्ली दंगों को एक साल पूरे हो चुका है. शुक्रवार यानी 19 फरवरी को दिल्ली पुलिस आयुक्त एसएन श्रीवास्तव ने इसे लेकर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि पुलिस ने दंगों के मामलों की निष्पक्षता के साथ जांच की है.
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Published : Feb 24, 2021, 7:58 AM IST
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Updated : Feb 24, 2021, 8:39 AM IST
नई दिल्लीः उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों को लगभग एक साल पूरा हो चुका है. 24 एवं 25 फरवरी 2020 को हुए इन दंगों में 53 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 581 लोग घायल हुए थे. पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव के मुताबिक इन दंगों को लेकर कुल 755 एफआईआर दर्ज की गई थी. इनमें से 400 मामलों में पुलिस द्वारा 1818 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है और अधिकांश मामलों में आरोपपत्र भी दाखिल हो चुका है.
दिल्ली दंगे की पहली बरसी.
पुलिस कमिश्नर ने दी जानकारी
पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने वार्षिक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा कि पुलिस ने दंगों के इन मामलों की निष्पक्षता के साथ जांच की है. पुलिस द्वारा दर्ज 755 मामलों में से 60 मामलों की जांच क्राइम ब्रांच द्वारा की जा रही है. इसके लिए क्राइम ब्रांच में तीन एसआईटी गठित हैं.
755 लोगों पर दर्ज एफआईआर.
इसके अलावा पूरी साजिश को लेकर स्पेशल सेल ने यूएपीए एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है, जिसमें उन लोगों को गिरफ्तार किया जा रहा है, जो दंगों के पीछे थे. इन मामलों के अलावा अन्य सभी एफआईआर की जांच लोकल पुलिस कर रही है. पुलिस ने दंगे के समय सभी शिकायतों पर एफआईआर की ताकि उन्हें यह न लगे कि उनकी शिकायत पर सुनवाई नहीं हो रही.
यूएपीए एक्ट के तहत भी मामला दर्ज.
तकनीक के सहारे हुई साइंटिफिक जांच
पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने बताया कि पुलिस द्वारा दर्ज सभी मामलों की निष्पक्ष जांच की जा रही है. निष्पक्ष जांच के लिए ही पुलिस ने तकनीक का सहारा लिया. वीडियो एनालेटिक के जरिए सीसीटीवी फुटेज में मौजूद आरोपियों की पहचान की गई. ई-वाहन एवं पुलिस के पास मौजूद डाटाबेस से आरोपियों की पहचान की गई.
400 मामले में 1818 गिरफ्तार.
फेसिअल रिकॉग्नाइजेशन सिस्टम का भी इस्तेमाल किया गया. इनकी मदद से 231 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है. इनके अलावा एफएसएल की भी मदद महत्वपूर्ण साइंटिफिक साक्ष्य के लिए ली गई है. मोबाइल से जो डेटा डिलीट किए गए, उन्हें हासिल किया गया. लोकेशन के जरिये भी आरोपियों की पहचान की गई. डीएनए, फिंगरप्रिंट और फेसिअल रिकंस्ट्रक्शन का भी इस्तेमाल किया गया.
कहां कितने मामले.
क्रोनोलॉजी
दिसंबर 2019- दिल्ली के विभिन्न इलाकों में सीएए के विरोध में प्रदर्शन शुरू हुए.
जनवरी 2020- वजीराबाद रोड चांद बाग एवं जाफराबाद मुख्य सड़क पर सीएए विरोधी प्रदर्शन शुरू हुए.
22 फरवरी 2020- जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के पास एक हजार से ज्यादा लोग एकत्रित होकर प्रदर्शन करने लगे.
23 फरवरी 2020- जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के पास प्रदर्शनकारियों की संख्या बढ़ गई. शाम को दूसरे समुदाय के लोग भी आ गए. दोनों पक्षों के बीच पथराव हुआ, जिसे शांत कराया गया.
दंगों के मामले में आरोपपत्र दाखिल.
24 फरवरी 2020 को क्या हुआ...
सुबह 11 बजे- शाहदरा जिला डीसीपी अमित शर्मा पुलिस फोर्स के साथ चांद बाग के समीप चल रहे प्रदर्शन स्थल पर पहुंचे.
दोपहर 1 बजे- भीड़ ने वहां मौजूद पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया, जिसमें डीसीपी अमित शर्मा, उनका ऑपरेटर हवलदार रतनलाल और एसीपी गोकलपुरी अनुज कुमार गंभीर रूप से घायल हुए.
दोपहर 2 बजे- अस्पताल में डॉक्टरों ने हवलदार रतनलाल को मृत घोषित कर दिया.
दोपहर 2.30 बजे सप्तऋषि बिल्डिंग में गोली चलाई गई, जिससे शाहिद नामक युवक की मौत हो गई.
दंगों में घायल हुए 581 लोग.
दोपहर 3 बजे- चांद बाग स्थित निगम पार्षद ताहिर हुसैन के मकान से हिंसा की गई.
शाम 4 बजे- दयालपुर इलाके में दंगे के दौरान शाहरुख ने हवाई फायरिंग के साथ पुलिसकर्मी पर पिस्तौल तानी
शाम 4 बजे- अनिल स्वीट्स में जाकर उपद्रवियों ने वहां के कर्मचारी दिलबर नेगी की हत्या कर दी और दुकान को आग के हवाले कर दिया.
रात 8.30 बजे- गोकलपुरी स्थित टायर मार्किट में लोगों ने आग लगा दी
25 फरवरी 2020 को क्या हुआ...
सुबह 11 बजे- मौजपुर चौक पर दो गुट आपस में भीड़ गए, जिसमें विनोद नामक शख्स की मौत हो गई.
दोपहर 1.30 बजे- अम्बेडकर कॉलेज के पास बनी डिस्पेंसरी के समीप हुए दंगे. यहां रिक्शा चालक 32 वर्षीय दीपक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई. वहीं कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया.
4.30 बजे करदमपुरी पुलिया के पास दंगे हुए जिसमें मोहम्मद फुरकान सहित चार लोगों को गोली लगी, इसमें फुरकान की मौत हो गई थी.
शाम 5 बजे- आईबी कर्मचारी अंकित शर्मा घर से निकलकर गली में पहुंचे, जहां से कुछ लोग उनको खींचकर ले गए और पीट-पीटकर हत्या कर दी.
26 फरवरी 2020- गोकलपुरी नाले से पुलिस को चार शव मिले, जिनकी दंगों के दौरान हत्या की गई थी.