इंदौर।देश के 17वें प्रवासी भारतीय सम्मेलन शुरुआत आज इंदौर में समारोह के साथ हुई है. सम्मेलन में देश भर से बड़ी संख्या में प्रवासी भारतीय पहुंचे हैं, जिन्होंने भारत के 7 नए माहौल में निवेश की संभावनाएं जताई है. कार्यक्रम के पहले सत्र में गुयाना के राष्ट्रपति मोहम्मद इरफान अली, सुरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिका प्रसाद संतोखी और ऑस्ट्रेलिया की सांसद जैनटा मेकरेनहास आदि ने मध्यप्रदेश के साथ नए व्यावसायिक संबंधों के लिए प्रवासी भारतीय सम्मेलन को मील का पत्थर बताया है. पहले दिन के कार्यक्रम में मध्यप्रदेश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत केंद्रीय युवा एवं खेल मंत्री अनुराग ठाकुर, विदेश मंत्री एस जयशंकर और केंद्रीय गृह राज्यमंत्री निशीथ प्रमाणिक आदि भी शामिल हुए. बता दें कि 9 जनवरी यानि सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन (Pravasi Bhartiya Sammelan) का शुभारंभ करने इंदौर आएंगे, इसके अलावा सम्मेलन के समापन सत्र में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु शिरकत करेंगी.
ये है भारतीय मेधा और विश्वसनीयता:इंदौर के ब्रिलिएंट कन्वेंशन सेंटर में सम्मेलन की शुरुआत मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के संबोधन के साथ शुरू हुई, इस दौरान उन्होंने मध्यप्रदेश में निवेश के साथ विश्वास और भविष्य के विकास आधारित फैसलों पर आगे बढ़ने का आह्वान किया.'युवा प्रवासी भारतीय दिवस' के शुभारंभ पर सीएम शिवराज ने कहा कि, "भारत के युवा नवाचार कर रहे हैं, अगर आप गूगल माइक्रोसॉफ्ट, एप्पल, एडोब ,आईबीएम, मास्टरकार्ड जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनियों के ऑफिस में देखेंगे तो केवल भारतीय ही भारतीय नजर आएंगे. यह भारतीय मेधा और विश्वसनीयता है. मध्यप्रदेश टाइगर स्टेट, लेपर्ड स्टेट, वल्चर स्टेट है और अब तो मध्यप्रदेश चीता स्टेट भी है. भारत के युवा नये-नये आयडियाज के साथ कार्य कर रहे हैं, आयडिया को सफल बनाने के लिए रोडमैप और उस पर चलने के लिए परिश्रम, नदी की विपरीत दिशा में चलने का साहस, ये करना पड़ता है, तब सफलता मिलती है. हर कंपनी के डेवलपमेंट से लेकर बोर्ड रूम में भारतीय आसीन है. हमें गर्व होता है सुंदर पिचाई, सत्या नडेला, शांतनु नारायण, अरविंद कृष्णा, इंदिरा नूरी सहित अनेकों नाम हैं जिन्होंने सफलता के नए आयाम रचने का काम किया है. आगे बढ़ने के लिए इनोवेशन के साथ टेक्नोलॉजी भी जरूरी है, भारत के प्रवासी युवाओं ने अपनी प्रतिभा के दम पर टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में अपना लोहा मनवाया है. कई जगह ऐसी स्थिति निर्मित हो गई है कि यदि भारतीय न हों तो काम ही ठप हो जाए."