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पिता हुए लाचार तो घर में खुशियां बिखेर रही 'खुशबू', पढ़ें खबर

परिवार चलाने की जिम्मेदारी अपने कंधों पर की नौबत आए तो बेटियों भी पीछे नहीं हटती हैं. महज 17 साल की खुशबू सेन परिवार की आजीविका चलाने के लिए भरतपुर शहर की गलियों में रोज सुबह घर-घर जाकर अखबार बांटती है और फिर स्कूल जाती है. पढ़ें पूरी खबर...

17 year old Khushboo Sen becomes Hawker
पिता के एक्सीडेंट के बाद बेटी बनी हॉक

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Published : Mar 13, 2021, 8:22 PM IST

भरतपुर:यूं तो 17 साल की खुशबू भी और बच्चों की तरह देर तक सोने और खेलने-कूदने की शौकीन है, लेकिन घर की जिम्मेदारियां खुशबू पर कुछ ऐसी आई कि अब उसको सुबह 4 बजे उठना पड़ता है और अपने पिता की जगह अखबार बांटना पड़ता है. इसके बाद खुशबू अपने स्कूल जाती है. स्कूल के बाद ट्यूशन और उसके बाद अगर समय मिलता है तो खुशबू अपनी मां के साथ घर के काम में हाथ भी बंटाती है. सुबह 4 बजे से रात 10 बजे तक खुशबू का सारा समय अपने घर की जिम्मेदारियों को पूरा करने और अपनी पढ़ाई में निकल जाता है.

पिता के एक्सीडेंट के बाद बेटी बनी हॉक

पिता के एक्सीडेंट के बाद बांटने लगी अखबार

भरतपुर शहर के सराफा गली की रहने वाली 17 साल की खुशबू कक्षा 11वीं में पढ़ती है. कुछ दिनों पहले खुशबू के पिता का एक्सीडेंट हो गया था, जिसमें उसके पैर में गंभीर चोटें आई और उनका नौकरी पर जाना बंद हो गया. इसके बाद धीरे-धीरे घर की स्थिति खराब होने लगी, जिसके बाद 17 साल की खुशबू ने तय किया कि वह अपने पिता की जगह काम करेगी और वह अपनी पढ़ाई भी पूरा करेगी.

पिता के एक्सीडेंट के बाद बेटी बनी हॉक

140 घरों में बांटती है अखबार

इसके बाद से खुशबू सुबह 4 बजे उठने लगी और अपने पिता की जगह अखबार बांटने जाने लगी. जब लोग सो कर भी नहीं उठ पाते, उस समय खुशबू सुनसान गलियों में जाकर 140 घरों में अखबार बांट कर आती है और उसके बाद स्कूल जाती है. स्कूल से आकर ट्यूशन जाती है. इसके बाद बाकी बचे में समय में वह पढ़ाई करती है और अपनी मां के साथ घर के काम में हाथ बंटाती है. इन दिनों खुशबू जिले के लड़कियों के लिए एक प्रेरणा बनी हुई है.

पिता के एक्सीडेंट के बाद बेटी बनी हॉक

अखबार बांटना उसकी मजबूरी

खुशबू का कहना है कि उसके पिता के पैर में चोट आने के बाद अखबार बांटना उसके लिए मजबूरी बन गया है. उन्होंने बताया कि वह सुबह 4 बजे उठती है, जिसके बाद वह सुबह उठ कर डीलर से अखबार लेकर आती है और अखबार की 140 कॉपियां घर-घर जाकर बांटती है.

खाली समय में मां का भी हाथ बंटाती है

खुशबू के पिता मनोज कहते हैं कि उनके पास दो बच्चे हैं, खुशबू 17 साल की है और एक 5 साल का लड़का है. कुछ दिनों पहले उनका एक्सीडेंट हो गया था, जिसके बाद उनके पैर में गंभीर चोट आई थी. मनोज के काम पर नहीं जाने के कारण उनके घर की स्थिति दिन-ब-दिन खराब होती चली गई. जिसके बाद खुशबू ने घर की सारी जिम्मेदारियों को अपने कंधों पर उठाया और वह अपने पिता की जगह काम करने लगी.

पिता के एक्सीडेंट के बाद बेटी बनी हॉक

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सुबह 4 बजे उठती है

मनोज का कहना है कि खुशबू सुबह 4 बजे उठती है और अखबार बांट कर आती है और स्कूल जाती है. इसके अलावा खाली समय मे वह अपनी मां का भी हाथ बंटाती है. खुशबू इन दिनों जिले के सभी लड़कियों के लिए एक मिसाल बानी हुई है. इसके अलावा वह पढ़ाई में काफी होशियार है और बड़े होकर सरकारी नौकरी करना चाहती है.

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