भरतपुर:यूं तो 17 साल की खुशबू भी और बच्चों की तरह देर तक सोने और खेलने-कूदने की शौकीन है, लेकिन घर की जिम्मेदारियां खुशबू पर कुछ ऐसी आई कि अब उसको सुबह 4 बजे उठना पड़ता है और अपने पिता की जगह अखबार बांटना पड़ता है. इसके बाद खुशबू अपने स्कूल जाती है. स्कूल के बाद ट्यूशन और उसके बाद अगर समय मिलता है तो खुशबू अपनी मां के साथ घर के काम में हाथ भी बंटाती है. सुबह 4 बजे से रात 10 बजे तक खुशबू का सारा समय अपने घर की जिम्मेदारियों को पूरा करने और अपनी पढ़ाई में निकल जाता है.
पिता के एक्सीडेंट के बाद बांटने लगी अखबार
भरतपुर शहर के सराफा गली की रहने वाली 17 साल की खुशबू कक्षा 11वीं में पढ़ती है. कुछ दिनों पहले खुशबू के पिता का एक्सीडेंट हो गया था, जिसमें उसके पैर में गंभीर चोटें आई और उनका नौकरी पर जाना बंद हो गया. इसके बाद धीरे-धीरे घर की स्थिति खराब होने लगी, जिसके बाद 17 साल की खुशबू ने तय किया कि वह अपने पिता की जगह काम करेगी और वह अपनी पढ़ाई भी पूरा करेगी.
140 घरों में बांटती है अखबार
इसके बाद से खुशबू सुबह 4 बजे उठने लगी और अपने पिता की जगह अखबार बांटने जाने लगी. जब लोग सो कर भी नहीं उठ पाते, उस समय खुशबू सुनसान गलियों में जाकर 140 घरों में अखबार बांट कर आती है और उसके बाद स्कूल जाती है. स्कूल से आकर ट्यूशन जाती है. इसके बाद बाकी बचे में समय में वह पढ़ाई करती है और अपनी मां के साथ घर के काम में हाथ बंटाती है. इन दिनों खुशबू जिले के लड़कियों के लिए एक प्रेरणा बनी हुई है.
अखबार बांटना उसकी मजबूरी