हैदराबाद :देशभर में 29 जून को स्वर्गीय प्रोफेसर प्रशांत चंद्र महालनोबिस (Prof. P C Mahalanobis ) की जयंती के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस मनाया जाता है. बता दें, महालनोबिस का जन्म 1893 में हुआ था. महालनोबिस भारत के पहले योजना आयोग के सदस्य थे. महालनोबिस को आधुनिक सांख्यिकी का जनक भी कहा जाता है.
सामाजिक-आर्थिक नियोजन और नीति तैयार करने में सांख्यिकी के महत्त्व के बारे में जन जागरुकता पैदा करने के वास्ते हमारे देश में प्रत्येक वर्ष 29 जून को राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का मकसद रोजाना की जिंदगी में और योजना एवं विकास की प्रक्रिया में सांख्यिकी के महत्त्व के प्रति लोगों को जागरुक करना है.
प्रोफेसर प्रशांत चंद्र महालनोबिस के बारे में
प्रोफेसर प्रशांत चंद्र महालनोबिस या पी.सी. महालनोबिस का जन्म 29 जून, 1893 को कलकत्ता (अब कोलकाता) में तथा उनका निधन 28 जून 1972 को कलकत्ता में हुआ था.
वह एक भारतीय सांख्यिकीविद् थे. उन्होंने दूसरी पंचवर्षीय योजना में औद्योगीकरण के लिए भारत की रणनीति तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उन्होंने 17 दिसंबर 1931 को कलकत्ता में भारतीय सांख्यिकी संस्थान की स्थापना की.
उन्होंने दो डेटा सेटों के बीच तुलना का एक उपाय भी तैयार किया और अब इसे महालनोबिस दूरी के रूप में जाना जाता है. उन्होंने बड़े पैमाने पर नमूना सर्वेक्षण करने के लिए तकनीकों का आविष्कार किया और यादृच्छिक नमूने की विधि का उपयोग करके रकबे और फसल की पैदावार की गणना की.
उन्होंने लोगों के विभिन्न समूहों की सामाजिक आर्थिक स्थितियों की तुलना करने के लिए फ्रैक्टाइल ग्राफिकल विश्लेषण के रूप में जाना जाने वाला एक सांख्यिकीय तरीका भी तैयार किया. साथ ही उन्होंने बाढ़ नियंत्रण के लिए आर्थिक नियोजन में भी सांख्यिकी का प्रयोग किया.
राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस 2021 की थीम
- एसडीजी-2 सांख्यिकी दिवस 2021 का विषय भूख समाप्त करना, खाद्य सुरक्षा प्राप्त करना और पोषण में सुधार करना और सतत कृषि को बढ़ावा देना है.
- 2020 में सांख्यिकी दिवस का विषय एसडीजी -3 (स्वस्थ जीवन सुनिश्चित करना और सभी उम्र में सभी के लिए कल्याण को बढ़ावा देना) और एसडीजी -5 (लैंगिक समानता प्राप्त करना और सभी महिलाओं और लड़कियों को सशक्त बनाना) था.
- 2019 में सांख्यिकी दिवस का विषय सतत विकास लक्ष्य (SDGs) था.