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15th Civil Services Day : जनहित में काम करने वाले सेवकों को पुरस्कार, पीएम बोले, देश राजसिंहासनों की बपौती नहीं - 15वें सिविल सेवा दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

सिविल सेवा दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी (15th Civil Services Day PM Narendra Modi) ने कहा कि आजादी के इस अमृत काल में ब्यूरोक्रेट को अपने डिस्ट्रिक्ट में विशेष पहल करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि जिलों में जो पहले कलेक्टर के रूप में काम करके गए हैं, एक बार अगर हो सके तो उनका मिलने का कार्यक्रम बनाना चाहिए.

Prime Minister  Modi
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

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Published : Apr 21, 2022, 12:40 PM IST

Updated : Apr 21, 2022, 1:41 PM IST

नई दिल्ली :15वें सिविल सेवा दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (15th Civil Services Day PM Narendra Modi) ने ब्यूरोक्रेट्स को संबोधित किया. आईएएस अधिकारियों से मुखातिब पीएम मोदी ने उन्हें कर्मयोगी करार दिया. प्रधानमंत्री ने सिविल सेवा दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा, आज जिन साथियों को ये अवार्ड मिले हैं, उनको, उनकी पूरी टीम को और उस राज्य को भी मेरी तरफ से बहुत बहुत बधाई. प्रधानमंत्री ने कहा, आप जैसे साथियों से इस प्रकार से संवाद मैं लगभग 20-22 साल से कर रहा हूं. पहले मुख्यमंत्री के रूप में करता था और अब प्रधानमंत्री के रूप में कर रहा हूं. उसके कारण एक प्रकार से कुछ मैं आपसे सीखता हूं और कुछ अपनी बातें आप तक पहुंचा पाता हूं.

बकौल पीएम मोदी, इस बार का आयोजन रूटीन प्रक्रिया नहीं है, मैं इसे विशेष समझता हूं. विशेष इसलिए क्योंकि आजादी के अमृत महोत्सव में जब देश आजादी के 75 साल मना रहा है, तब हम इस समारोह को कर रहे हैं. सिविल सेवा अधिकारियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, मैं चाहूंगा कि आजादी के इस अमृत काल में आप अपने डिस्ट्रिक्ट में जो पहले कलेक्टर के रूप में काम करके गए हैं, एक बार अगर हो सके तो उनका मिलने का कार्यक्रम बनाइये. आपके पूरे जिले के लिए वो एक नया अनुभव होगा. इसी तरह राज्यों में जो चीफ सेक्रेटरी के रूप में कार्य करके गए हैं, एक बार राज्य के मुख्यमंत्री उन सबको बुला लें. देश के प्रधानमंत्री, जितने भी कैबिनेट सेक्रेटरी रहे हैं उनको बुला लें.

पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के अमृत काल, 75 साल की इस यात्रा में भारत को आगे बढ़ाने में सरदार पटेल का सिविल सर्विस का जो तोहफा है. इसके जो ध्वजवाहक लोग रहे हैं, उन्होंने इस देश की प्रगति में कुछ न कुछ योगदान दिया ही है. उन सबको स्मरण करना, उनका सम्मान करना, ये भी आजादी के अमृत काल में सिविल सर्विस को ऑनर करने वाला विषय बन जायेगा. हम पिछली शताब्दी की सोच और नीति नियमों से अगली शताब्दी की मजबूती का संकल्प नहीं कर सकते.

सिविल सेवकों को मिला सम्मान : प्रधानमंत्री ने सिविल सेवा दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय राजधानी स्थित विज्ञान भवन में लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए पुरस्कार भी प्रदान किए. केन्‍द्र और राज्‍य सरकारों के संगठनों और जिलों द्वारा जन हित के असाधारण और अभिनव कार्यों को सम्‍मानित करने के लिए ये पुरस्कार दिए जाते हैं. इस वर्ष प्राथमिकता के आधार पर पांच कार्यक्रमों के लिए 10 पुरस्‍कार दिए गए. केन्‍द्र और राज्‍य सरकार के संगठनों और जिलों को नवाचार के लिए छह पुरस्‍कार प्रदान किये गए.

प्रधानमंत्री ने सिविल सेवा दिवस के अवसर पर लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए पुरस्कार प्रदान किए

प्रधानमंत्री ने कहा, हम एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में है और हमारे सामने तीन लक्ष्य साफ-साफ होने चाहिए. उन्होंने कहा कि पहला लक्ष्य है कि देश में सामान्य से सामान्य मानवी के जीवन में बदलाव आए, उसके जीवन में सुगमता आए और उसे इसका एहसास भी हो. भारत की संस्कृति की ये विशेषता है कि हमारा देश राज्य व्यवस्थाओं से नहीं बना है. बकौल पीएम मोदी, हमारा देश राजसिंहासनों की बपौती नहीं रहा है. ये देश सदियों से, हजारों वर्ष के लंबे कालखण्ड से हमारी जो परंपरा रही है, वो जनसामान्य के सामर्थ्य को लेकर चलने की परंपरा रही है.

उन्होंने कहा कि हमारी व्यवस्थाओं, नियमों में, परंपराओं में पहले शायद बदलाव लाने में 30 -40 साल चले जाते होंगे, तो चलता होगा, लेकिन तेज गति से बदलते हुए विश्व में हमें पल पल के हिसाब से चलना पड़ेगा. पीएम मोदी ने कहा, दूसरा लक्ष्य- आज हम कुछ भी करें, उसको वैश्विक सन्दर्भ में करना समय की मांग है. उन्होंने कहा कि तीसरा लक्ष्य एक प्रकार का दोहराव है. पीएम ने कहा कि व्यवस्था में हम कहीं पर भी हों, लेकिन जिस व्यवस्था से हम निकले हैं, उसमें हमारी प्राथमिक जिम्मेदारी देश की एकता और अखंडता है. उन्होंने कहा कि गवर्नेंस में रिफार्म एक नित्य और सहज प्रक्रिया एवं प्रयोगशील व्यवस्था होनी चाहिए. अगर प्रयोग सफल नहीं हुआ, तो छोड़ते हुए चले जाने का साहस होना चाहिए. पीएम मोदी ने कहा, देश में सैंकड़ों कानून ऐसे थे, जो देश के नागरिकों के लिए बोझ बन गए थे. उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री बनने के बाद पहले 5 साल में मैंने 1,500 ऐसे कानून खत्म किये थे.

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बकौल पीएम मोदी, बीते 8 साल के दौरान देश में अनेक बड़े काम हुए. इनमें से अनेक अभियान ऐसे हैं जिनके मूल में व्यावहारिक बदलाव हैं. उन्होंने कहा कि ये कठिन काम होता है और राजनेता तो कभी इसमें हाथ लगाने की हिम्मत ही नहीं करता, लेकिन मैं मूलतः राजनीति के स्वभाव का नहीं हूं, मैं जननीति से जुड़ा हुआ इंसान हूं, जनसामान्य की जिंदगी से जुड़ा हुआ इंसान हूं. मेरी कोशिश व्यावहारिक बदलाव की रही है. पीएम ने कहा कि समाज की मूलभूत चीजों में परिवर्तन लाने का प्रयास सामान्य लोगों की जिंदगी में बदलाव लाने की आशा आकांक्षा का ही हिस्सा है.

प्रधानमंत्री के संबोधन से पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर सिविल सेवा दिवस की शुभकामनाएं दीं. उपराष्ट्रपति ने कहा, सिविल सेवा दिवस' पर सभी सिविल सेवकों को हार्दिक शुभकामनाएं. सरदार पटेल के सपनों का भारत बनाने जी दिशा आप सभी मनोयोग से रत हैं. अपेक्षा करता हूं कि लोकसेवाएं देश के विकास और उन्नति के लिए कार्य करती रहेंगी और समाज के वंचित वर्गों तक विकास के लाभ पहुंचाने का माध्यम बनेंगी.

सिविल सेवा दिवस के मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का ट्वीट
सिविल सेवा दिवस के मौके पर उपराष्ट्रपति के ट्वीट

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने ट्वीट में लिखा, आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को सिद्ध करने में सिविल सेवकों की अहम भूमिका होगी. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में उल्लेखनीय योगदान के लिए सिविल सेवकों की प्रशंसा भी की. सेवाभाव की सराहना करते हुए गृह मंत्री ने ऐसी परंपरा कायम रहने की कामना की.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर सिविल सेवा दिवस की शुभकामनाएं दीं
Last Updated : Apr 21, 2022, 1:41 PM IST

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