नई दिल्ली: 15वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन इस साल अगस्त के अंत में दक्षिण अफ्रीका के डरबन में होने वाला है. ब्राजील, रूस, भारत और चीन के विदेश मंत्रियों ने पहली बार 2006 में संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान ब्रिक सहयोग की शुरुआत करते हुए मुलाकात की. बाद में अप्रैल 2011 में दक्षिण अफ्रीका ने चीन के सान्या में आयोजित तीसरे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में पहली बार भाग लिया.
यह घोषणा स्पष्ट रूप से रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव द्वारा 26 जनवरी को इरिट्रिया के मासावा में यहां के विदेश मंत्री उस्मान सालेह के साथ एक संयुक्त समाचार सम्मेलन में की गई थी. ब्रिक्स को वैश्विक बहु-ध्रुवीयता की अभिव्यक्ति बताते हुए लावरोव ने कहा कि दुनिया के विकासशील क्षेत्रों में क्षेत्रीय पहचान को मजबूत करने का मतलब यह नहीं है कि वैश्विक आयाम में बहु-ध्रुवीयता नहीं हो रही है.
यह संगठन पांच देशों को एकजुट करता है, जिसमें 12 से अधिक अन्य लोग इसमें शामिल होने में रुचि दिखा रहे हैं. ब्रिक्स और अन्य देशों के बीच संबंध विकसित करना आगामी शिखर सम्मेलन में एक केंद्रीय विषय होगा जो अगस्त में दक्षिण अफ्रीका के डरबन में होने वाला है. लावरोव ने कहा, बहुध्रुवीय इतिहास की घड़ी सही दिशा में चल रही है. वर्ष 2009 से ब्रिक्स नेताओं ने 14 औपचारिक बैठकें और 9 अनौपचारिक बैठकें बुलाईं. इससे पहले 2013 में पांचवां वार्षिक ब्रिक्स शिखर सम्मेलन दक्षिण अफ्रीका के डरबन में आयोजित किया गया था.