नई दिल्ली :केंद्र ने मंगलवार को कहा, कोरोना वायरस महामारी (corona virus epidemic) का सामना करने के लिए 1573 ऑक्सीजन संयंत्र लगाने की योजना (1573 plan to set up oxygen plant) बनायी थी, जिनमें से 316 संयंत्र चालू हो गये हैं और शेष संयंत्र अगस्त माह के अंत लगा दिए जाएंगे.
राज्यसभा में कोविड-19 के संबंध में हुई चर्चा का जवाब देते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री (Health and Family Welfare Minister) मनसुख मंडाविया (Mansukh Mandaviya) ने कहा कि कोविड-19 महामारी से पहले देश में ऑक्सीजन का उत्पादन चार से पांच हजार मीट्रिक टन हुआ करता था, जिसमें से मेडिकल ऑक्सीजन का उत्पादन तो मात्र 1100 से 1200 मीट्रिक टन हुआ करता था. उन्होंने कहा कि सरकार को एकाएक बढ़ी हुई मांग को पूरा करने के लिए बहुत सारे प्रयास करने पड़े.
उन्होंने कहा कि देश की जनता की जान बचाने के लिए सरकार ने इस्पात सहित सभी उद्योगों से कह दिया कि वह अपने लिए ऑक्सीजन का उत्पादन रोक दें. उन्होंने कहा कि इसके बाद परिवहन की समस्या खड़ी हो गयी, क्योंकि सरकार के पास टैंकरों की संख्या भी सीमित ही थी. उन्होंने कहा कि देश और विदेश से टैंकरों की व्यवस्था की गयी. तरल ऑक्सीजन को लाने के लिए विशेष ट्रेन चलायी गयी.
उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना के विमानों और नौसेना के पोतों के जरिये ऑक्सीजन का परिवहन किया गया. उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि कतर, ओमान, सऊदी अरब सहित विभिन्न देशों से ऑक्सीजन लाने के लिए सरकार ने जितने प्रयास किए, उनकी बहुत कम सराहना की गयी.
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