शिमला: ई-विधानसभा से हिमाचल विधानसभा में (e assembly of Himachal) पेपरलेस कार्यवाही होती है और इससे सालाना 6096 पेड़ कटने से बच रहे हैं और 15 करोड़ रुपए के कागज की बचत हो रही है. पेपरलेस कार्यवाही शुरू करने वाली हिमाचल विधानसभा देश की पहली विधानसभा (HIMACHAL PAPERLESS ASSEMBLY) है. पिछले एक साल से हिमाचल की विधानसभा में किसी भी तरह का पेपर वर्क नहीं हो रहा है. पूरा काम ई-विधान परियोजना के तहत पेपरलेस है.
सदन में अब न तो सवालों के लिखित जवाब कागज पर अंकित होते हैं और न ही सदन के पटल पर रखे जाने वाले बिल और अन्य दस्तावेज कागजों के रूप में होते हैं. इससे न केवल (first Digital Assembly in Himachal) हर साल हजारों पेड़ कटने से बच रहे हैं, बल्कि सरकारी खजाने को भी सालाना कम से कम पंद्रह करोड़ रुपए का लाभ हो रहा है. पेड़ों के कुल्हाड़ी से कत्ल से बचाव की शुरुआत तब हुई, जब केंद्र में यूपीए की सरकार थी. कपिल सिब्बल यूपीए सरकार में सूचना व तकनीकी मंत्री थे. हिमाचल विधानसभा के अध्यक्ष बृजबिहारी लाल बुटेल कपिल सिब्बल से मिले और उनसे आग्रह किया कि हिमाचल के लिए ई-विधान प्रोजेक्ट को मंजूरी दी जाए.
बुटेल ने केंद्र को विश्वास दिलाया कि एक साल के भीतर ही इस प्रोजेक्ट को सफलता से पूरा कर लिया जाएगा. तत्कालीन यूपीए सरकार ने 8.12 करोड़ रुपए मंजूर किए और साल भर में ही हिमाचल में ई-विधान प्रोजेक्ट के तहत विधानसभा को हाईटैक कर दिया गया और फिर वर्ष 2014 में 5 अगस्त को हिमाचल विधानसभा को टोटली हाईटेक (E VIDHAN SABHA OF HIMACHAL) घोषित कर दिया गया. तब विधानसभा का मानसून सत्र पहली बार पेपरलैस वर्क का (HIMACHAL PAPERLESS ASSEMBLY) गवाह बना. मुख्यमंत्री, मंत्रियों व विधायकों के सामने टच स्क्रीन लगी थी उसी पर सवालों के जवाब पढ़े गए, सारे के सारे बिल ऑनलाइन देखे गए.
देश की अन्य विधानसभाएं भी हिमाचल की तर्ज पर हाईटेक होना चाहती हैं. हिमाचल ने अन्य विधानसभाओं को इस बारे में तकनीकी जानकारी साझा करने की पेशकश की है. विधानसभा अध्यक्ष बृजबिहारी लाल बुटेल का कहना है कि हिमाचल विधानसभा ने देश के सामने मिसाल पेश की है. उन्होंने कहा कि हर साल कागज के लिए हजारों पेड़ कटते हैं इससे हरियाली कम होती है. पेपरलेस वर्क नए जमाने का चलन है. हिमाचल विधानसभा के सभी सदस्य नई तकनीक से परिचित हो (first Digital Assembly in Himachal) गए हैं. उन्होंने टच स्क्रीन सिस्टम से तालमेल बिठा लिया है. सदन में कई उम्रदराज नेता भी हैं.
हिमाचल विधानसभा में विधायकों व मंत्रियों को डोंगल उपलब्ध करवाए गए हैं. विधायकों के आवास वाई-फाई सुविधा से युक्त कर दिए गए हैं. विधानसभा की सारी कार्यवाही अब मोबाइल ऐप पर ही उपलब्ध करवा दी जाती है. विधानसभा में पेश होने वाले विधेयक व अन्य दस्तावेज सत्र की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही मोबाइल ऐप पर उपलब्ध होते हैं. यही नहीं अन्य राज्य की विधानसभा में भी इस प्रणाली को लागू किया (E VIDHAN SABHA OF HIMACHAL) जा रहा है. मणिपुर व पूर्वोत्तर राज्यों की विधानसभाओं के अधिकारी हिमाचल विधानसभा को विजिट कर ई-विधान प्रोजेक्ट की बारीकियां सीख रहे हैं. वे भी अपने यहां पेपरलेस (Advantage of E assembly) विधानसभाएं सुचारू करना चाहते हैं.