देहरादून : पुलिस उपमहानिरीक्षक नीलेश भरणे ने यहां संवाददाता सम्मलेन में बताया कि प्रदेश भर में दर्ज साइबर अपराध की शिकायतों पर कार्रवाई के लिए एसटीएफ और जिला पुलिस की संयुक्त टीमें बनाई गईं. जांच में पता चला कि इस प्रकार के अपराध मेवात क्षेत्र जैसे पलवल व नूह (हरियाणा), भरतपुर व अलवर (राजस्थान), जामतारा (झारखंड), पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ से संचालित हो रहे हैं.
अधिकारी ने बताया कि इन अपराधियों की तलाश एवं गिरफ्तारी के लिए राज्य के दोनों मंडलों, गढवाल एवं कुमाउं से संयुक्त टीमें मौकों पर रवाना की गईं. जिन्होंने पिछले 10 दिनों में कार्रवाई करते हुए 14 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है. उन्होंने बताया कि सबसे सनसनीखेज मामले में 15 जून को एक व्यक्ति द्वारा देहरादून कोतवाली में शिकायत की गई कि प्रदेश के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार, आईपीएस की फर्जी आईडी से एक अज्ञात व्यक्ति ने उसके फेसबुक मैसेंजर पर गूगल पे या पेटीएम के माध्यम से 10,000 रुपये की मांग की है.
अधिकारी ने बताया कि पैसे देने के लिए उपलब्ध कराए गए गूगल पे और पेटीएम नंबरों की जांच से पता चला कि उक्त मोबाइल नंबर राजस्थान के भरतपुर में चल रहा है. जो उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले के भगेली गांव के रामलखन के नाम दर्ज है. पूछताछ में रामलखन ने बताया कि गरीबी रेखा के डिजिटल कार्ड बनाने के लिए उनके गांव में आई एक टीम ने उसके तथा उसके अन्य गांव वालों के हस्ताक्षर और आईडी लिए थे.
इस बीच यह भी पता चला कि उक्त फेसबुक आईडी राजस्थान के भरतपुर से शेर मुहम्मद के नंबर से संचालित हो रही है. मौके पर गई एसटीएफ की टीम को पता चला कि शेर मुहम्मद की 21 अप्रैल को मृत्यु हो चुकी है लेकिन उसका दामाद इरशाद फेसबुक पर फर्जी आईडी बनाकर लोगों से धोखाधड़ी करने वाला गिरोह चला रहा है.