लालू-राबड़ी समेत 16 आरोपियों की कोर्ट में पेशी पटना/नई दिल्ली :रेलवे में नौकरी के बदले जमीन (Land For Job Scam) लेने के घोटाले की सीबीआई जांच चल रही है. जिसमें आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव, राबड़ी देवी, सांसद मीसा भारती, लालू की बेटी हेमा यादव समेत अन्य 14 आरोपियों के खिलाफ सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल की है. राउज एवेन्यू कोर्ट में आज सभी आरोपियों की पेशी हुई. जहां गीतांजलि गोयल की अदालत ने 50 हजार के निजी मुचलके पर सभी को जमानत मिल गई है. अब इस मामले में अगली सुनवाई 29 मार्च को होगी.
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जैसा कर्म किया वैसा फल भोग रहे लालू-BJP: इस बीच लालू परिवार की दिल्ली कोर्ट में पेशी को लेकर बिहार में सियासत भी तेज हो गई है. बीजेपी नेता हरिभूषण ठाकुर बचौल ने कहा है कि जैसी करनी वैसी भरनी, लालू ने जैसा कर्म किया है वैसा ही फल वे भोग रहे है. जमीन के बदले नौकरी घोटाले में लालू परिवार के खिलाफ सीबीआई के पास पर्याप्त सबूत है, इसलिए प्रत्यक्ष को प्रमाण की जरूरत नहीं है.
लालू परिवार के खिलाफ एकपक्षीय कार्रवाई:वहीं, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार का कहना है कि सीबीआई की तरफ से एक पक्षीय कार्रवाई हो रही है. उन्होंने कहा कि जब से बिहार में महागठबंधन की सरकार बनी है, तब से लगातार ऐसी कार्रवाई हो रही है. यह पूछने पर कि आप ही लोगों की तरफ से नौकरी के बदले जमीन देने के मामले में सबूत दिया गया था. इस पर श्रवण कुमार ने कहा कि जांच होनी चाहिए लेकिन सिर्फ विरोधी दल के नेताओं के खिलाफ ही कार्रवाई हो, यह तो सही नहीं है.
लालू के करीबियों पर सीबीआई-ईडी का छापा: पिछले शुक्रवार को इसी मामले में ईडी ने लालू यादव के कई करीबियों के ठिकानों पर छापा मारा था. जिन लोगों के ठिकानों पर छापेमारी की गई थी, उनमें डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की दिल्ली स्थित न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी स्थित आवास भी शामिल है. इसके अलावे हेमा, चंदा और रागिनी यादव के ससुराल में भी रेड पड़ी थी. कहा जा रहा है कि करोड़ों की अवैध संपत्ति इस दौरान जांच एजेंसी ने जब्त की है.
लालू-राबड़ी से सीबीआई की पूछताछ:इससे पहले 6 मार्च को पटना स्थित राबड़ी आवास पर सीबीआई की टीम ने राबड़ी देवी से 4 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की थी. वहीं, उसके अगले दिन यानी 7 मार्च को दिल्ली में मीसा भारती के आवास पर लालू यादव से भी दो दौर की पूछताछ की गई थी. हालांकि इस पूछताछ को लेकर आरजेडी समते कई विपक्षी दलों ने बीजेपी पर आरोप लगाया था कि केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है.
तेजस्वी यादव को सीबीआई का समन: वहीं, इसी मामले में बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को भी सीबीआई का समन मिल चुका है. उनको पूछताछ के लिए 11 मार्च को दिल्ली स्थित सीबीआई मुख्यालय बुलाया गया था लेकिन उन्होंने गर्भवती पत्नी राजश्री यादव की खराब तबीयत का हवाला देकर पूछताछ में शामिल होने में अपनी असमर्थता जाहिर की थी. इससे पहले भी उनको समन जारी हुआ था, तब भी उन्होंने विधानसभा के बजट सत्र का हवाला देकर सीबीआई के सामने पेश नहीं हुए थे.
क्या है लैंड फॉर जॉब स्कैम?:दरअसल ये घोटाला 2004 से 2009 के बीच का है, जब लालू यादव मनमोहन सिंह की सरकार में रेल मंत्री थे. आरोप है कि रेलवे में नौकरी देने के एवज में रिश्वत के तौर पर लालू फैमिली ने लोगों से जमीन और फ्लैट अपने नाम लिखवाया था. बिना किसी विज्ञापन के रेलवे के चतुर्थवर्गीय पद पर कई लोगों को नौकरी दी गई थी.