नई दिल्ली : सरकार ने मंगलवार को राज्यसभा में कहा कि राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) की ओर से बताया गया है कि जून 2022 तक राज्य चिकित्सा परिषदों और राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) में 13,08,009 एलोपैथिक डॉक्टर पंजीकृत हैं.
यह जानकारी राज्य मंत्री (एमओएस) स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय डॉ. भारती प्रवीण पवार ने भाजपा सांसद नीरज शेखर द्वारा देश में पंजीकृत डॉक्टरों की संख्या के विवरण के बारे में पूछे गए एक प्रश्न का उत्तर देते हुए दी.
MoS द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल में पंजीकृत एलोपैथिक डॉक्टरों की संख्या सबसे अधिक 1,88,545 है, इसके बाद तमिलनाडु मेडिकल काउंसिल में 1,48,217 डॉक्टर पंजीकृत हैं. कर्नाटक मेडिकल काउंसिल के साथ 1,34,426, आंध्र प्रदेश मेडिकल काउंसिल के साथ 1,05,799, उत्तर प्रदेश मेडिकल काउंसिल के साथ 89,287 डॉक्टर पंजीकृत हैं.
राष्ट्रीय राजधानी में, दिल्ली मेडिकल काउंसिल में कुल 30,817 पंजीकृत एलोपैथिक डॉक्टर हैं, गुजरात मेडिकल काउंसिल में 72,406, पश्चिम बंगाल मेडिकल काउंसिल में 78,740 डॉक्टर पंजीकृत हैं.
उत्तर-पूर्वी राज्यों में नागालैंड मेडिकल काउंसिल के साथ पंजीकृत एलोपैथिक डॉक्टरों की संख्या सबसे कम है. मिजोरम मेडिकल काउंसिल के साथ 156, सिक्किम मेडिकल काउंसिल के साथ 1501, त्रिपुरा मेडिकल काउंसिल के साथ 2681, अरुणाचल प्रदेश मेडिकल काउंसिल के साथ 1461 और असम मेडिकल काउंसिल के साथ 25,561 एलोपैथिक डॉक्टर पंजीकृत हैं.
देश में डॉक्टरों की कमी के विवरण पर, MoS ने जवाब दिया कि 'पंजीकृत एलोपैथिक डॉक्टरों की 80% उपलब्धता और 5.65 लाख आयुष डॉक्टरों को मानते हुए देश में डॉक्टर-जनसंख्या अनुपात 1:834 है.'
मंत्री ने कहा कि सरकार ने मेडिकल कॉलेजों की संख्या में वृद्धि की है. एमबीबीएस सीटें बढ़ाई हैं. मेडिकल कॉलेजों में 71% की बढ़ोतरी हुई है. 2014 से पहले संख्या 387 थी जो अब 660 हो गई है. इसके अलावा, एमबीबीएस सीटों में 97% की वृद्धि हुई है. 2014 से पहले 51,348 सीटें थीं, जो बढ़कर अब 101,043 हो गई हैं. पीजी सीटों में भी 110% की वृद्धि हुई है, जो 2014 से पहले 31,185 थीं, बढ़कर अब 65,335 हो गई हैं, जिसमें डिप्लोमेट ऑफ नेशनल बोर्ड (DNB) / राष्ट्रीय बोर्ड (FNB) की फैलोशिप पीजी सीटें और कॉलेज ऑफ फिजिशियन और सर्जन (CPS) में पीजी सीटें शामिल हैं.
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