इंदौर: प्रतिभाएं उम्र की मोहताज नहीं होती. इस बात को मध्य प्रदेश के वंडर ब्वॉय अवि शर्मा ने साबित कर दिखाया है. इंदौर निवासी अवि शर्मा नन्हें मोटिवेशनल स्पीकर हैं, जिन्होंने छोटी सी उम्र में लेखक, प्रेरक वक्ता, वैदिक गणित के गुरु बनने का गौरव हासिल किया है. 12 साल के अवि शर्मा एंकर, अभिनेता और होस्ट भी हैं. वे कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय अवार्ड हासिल कर चुके हैं. अवि शर्मा को ऐसे वंडरब्वॉय के रूप मेंं जाना जाता है, जो दुनिया भर में अपनी प्रतिभा का लोहा (Wonder Boy)मनवा चुके हैं.
अवि क्यों हैं वंडर ब्वॉय
अवि शर्मा नाम आज देश दुनिया में किसी परिचय का मोहताज नहीं है. अवि शर्मा वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर हैं. इनका नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी है. इनका IQ 161 है. इतने IQ वाले बच्चे दुनिया में सिर्फ दो फीसदी हैं. अवि भारत के वंडर ब्वॉय के रूप में प्रसिद्ध है. वे भारत के दिल मध्य प्रदेश के इंदौर से हैं. वो एक लेखक हैं, Motivational Speaker हैं. वैदिक गणित के सबसे युवा गुरू होने का खिताब भी अवि के नाम है. वे सबसे कम उम्र के एंकर और अभिनेता हैं. ऑनलाइन इंटरव्यू शो के सबसे कम उम्र के होस्ट हैं. साथ ही मिशन संस्कार के संस्थापक भी हैं अवि शर्मा.
दो साल की उम्र में सबको हैरान कर दिया
कहतें हैं पूत के पांव पालने में ही नजर आ जाते हैं.जिस उम्र में बच्चे तुतला कर बोलते हैं, उस उम्र में अवि श्लोक और मंत्रों का उच्चारण करने लगे थे. ढाई साल के होते-होते उन्होंने लगभग 200-300 हिंदी और अंग्रेजी कविताएं याद कर ली थीं. रंगों की पहचान, बैंकों के नाम और एटीएम की परख उन्हें बाएं हाथ का काम लगता है. ऐसे करामाती बच्चे की पहचान होना मुश्किल नहीं था. उनके माता-पिता ने अपने बच्चे की अद्भुत प्रतिभा को आसानी से परख लिया. माता-पिता ने उसे मोटिवेट किया तो अवि ने दो साल की उम्र में स्टेज पर पहला कदम रख दिया. वे स्टेज पर अपने प्रदर्शन से सभी को हैरान करने लगे. जल्द ही पूरा देश उनकी प्रतिमा का दीवाना हो गया. वे कई टीवी शो और विज्ञापन, करने लगे. उन्होंने चार लघु फिल्मों और एक संगीत एल्बम में भी काम किया है. भारतीय पौराणिक कथाओं, प्रबंधन, ओलंपियाड, एंकरिंग और न जाने कितने क्षेत्रों में यह वंडर ब्वॉय लगातार आगे बढ़ते गए.
दर्जनों राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार का विजेता अवि
अवि के नाम दो एक्सक्लूसिव वर्ल्ड रिकॉर्ड्स हैं. 2020 & 2021 में उन्हें ये उपलब्धि हासिल हुई. अवि के नाम तीन इंडिया बुक्स ऑफ रिकॉर्ड्स भी हैं. वे इंटरनेशनल आइकॉन अवार्ड विजेता हैं. यूथ आइकन अवार्ड से भी अवि को नवाजा गया है. ओएमजी बूक ऑफ रिकार्ड्स (OMG book of records) में भी उनका नाम है. साथ ही वे मालव रतन, इंदौरी रतन भी रह चुके हैं. अवि को नेशनल एक्सीलेंस अवार्ड, प्राईड ऑफ इंडिया अवार्ड (pride of India award) जेसे कई अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय और राज्य सम्मान प्राप्त हैं. हाल ही में उन्हें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी उनकी बुक बालमुखी रामायण के लिए प्रसंशापत्र प्राप्त हुआ है. अवि विभिन्न ओलंपियाड में अब तक 20 गोल्ड मेडल और एक सिल्वर मेडल जीत चुके हैं.
अवि ने लिखी बालमुखी रामायण
10 साल की छोटी उम्र में अवि ने 250 छंदों में अपने शब्दों में रामायण लिख डाली. उन्होंने इसे 'बालमुखी रामायण' का नाम दिया. अवि ने इसे सरल हिंदी भाषा में लिखा. ताकि हर कोई इसे पढ़ सके और समझ सके. अवि बताते हैं कि बालमुखी रामायण लिखने का उनका मकसद काफी नेक था. वह इससे कोरोना काल में हताश और निराश लोगों को प्रेरित करना चाहते हैं. इसके बाद तो दुनिया भर में वंडर ब्वॉय (Wonder Boy) अवि के नाम का डंका बज गया. 60 से ज्यादा मीडिया चैनल्स और प्रेस वालों ने बालमुखी रामायण पर फीचर बना डाले.