दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

Bihar News: जिंदगी की जंग हार गया रोहतास का रंजन, दो पिलरों के बीच 25 घंटे तक फंसा था

25 घंटे से रोहतास के सोन पुल के दो पिलर के बीच फंसे 12 साल के रंजन कुमार को बाहर तो निकाल लिया गया लेकिन बचाया नहीं जा सका. NDRF ने 14 घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जिसके बाद बच्चे को बाहर निकाला जा सका था. डॉक्टरों के मुताबिक अस्पताल लाने से पहले ही एंबुलेंस में बच्चे की मौत हो चुकी थी. पूरी घटना के बारे में विस्तार से पढ़ें..

Ranjan of Rohtas could not survive
Ranjan of Rohtas could not survive

By

Published : Jun 8, 2023, 7:01 PM IST

Updated : Jun 8, 2023, 11:12 PM IST

Ranjan of Rohtas could not survive

रोहतास:रंजन कुमार (12 साल) पिछले दो दिनों से लापता था. परिजनों को उसकी कोई जानकारी नहीं मिल रही थी. इसी बीच गाय चराने के लिए पुल के पास गए कुछ लोगों ने बच्चे की रोने आवाज सुनी और जाकर देखा कि वह सोन पुल के दो पिलरों के बीच फंसा है. घटना की जानकारी तुरंत परिजनों की दी गई.

पढ़ें- Rohtas News: सोन नदी पुल के पिलर में फंसा किशोर, आज रेस्क्यू ऑपरेशन का दूसरा दिन

रेस्क्यू ऑपरेशन के 14 घंटे बाद निकाला गया बच्चा:घटना की सूचना मिलते ही सभी लोग मौके पर पहुंचे और उसके बाद शुरू हुई बच्चे को बचाने की कवायद. उसके बाद प्रशासनिक स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया. मोर्चा एनडीआरएफ की टीम ने संभाला और 14 घंटे की जद्दोजहद के बाद बच्चे को दरार से बाहर निकाला गया. सदर अस्पताल के डॉक्टर बृजेश कुमार ने बताया कि बच्चे की मौत हो चुकी है.

"एंबुलेंस से उतार कर जैसे ही स्वास्थ्य जांच की गई तो वह जांच के दौरान मृत पाया गया. बच्चा ब्रॉट डेट है. नासरीगंज से लाया गया था. एंबुलेंस से अस्पताल लाने के दौरान एंबुलेंस में ही उसने दम तोड़ दिया था."- बृजेश कुमार, चिकित्सक, सदर अस्पताल सासाराम

बोले SDM- 'बच्चे की हालत नहीं है सामान्य':एसडीएम उपेंद्र पाल ने बताया कि बच्चे को बाहर निकाल लिया गया है. बच्चे को बाहर निकालने के लिए टीम को काफी पापड़ बेलने पड़े. पुल के ऊपर इतनी जगह नहीं थी कि वहां से बचाव कार्य शुरू हो. ऐसे में पिलर को नीचे से तोड़ने की योजना तैयार की गई.

"पुल को दुरुस्त कराया जाएगा.बच्चे की स्थिति अभी सामान्य नहीं कही जाएगी. सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है. उसके परिजन भी अस्पताल में हैं. "-उपेंद्र पाल, एसडीएम

बच्चे की मौत : रंजन कुमार को बाहर निकालते ही तुरंत टीम एंबुलेंस 102 पर लेकर आनन-फानन में सदर अस्पताल सासाराम ले गई है, जहां उसे भर्ती कराया गया. रंजन की हालत को लेकर लोगों की चिंता बनी हुई थी क्योंकि स्थिति गंभीर थी. आखिरकार मासूम जिंदगी की जंग हार गया उसकी मौत हो गयी है.

कबूतर पकड़ने के चक्कर में पिलर में फंस गया था मासूम: जिले में नासरीगंज थाना क्षेत्र में नासीरगंज-दाऊदनगर सोन पुल के दो पिलर के बीच फंसे मासूम मानसिक रूप से विक्षिप्त बताया जाता है. बच्चे के पिता ने जानकारी दी कि बच्चा घर से लापता था और मानसिक रूप से विक्षिप्त था.

"कबूतर पकड़ने के लिए बच्चा वहां गया होगा. पुल में तार नीचे की तरफ लटका है,उसे पकड़कर ऊपर पहुंचा होगा. कबूतर पकड़ने के दौरान पैर पिसलने से वह दो पिलर के बीच जा फंसा होगा."- भोला शाह, रंजन के पिता

ऐसे किया गया रेस्क्यू:जेसीबी की मदद से बचाव कार्य मे लगी टीम 25 घंटे से प्रयास में लगी थी. एनडीआरएफ की टीम ने भी ऑपरेशन संभाला और अंततः उसे बाहर निकालने में सफलता मिली. टीम बच्चे को आनन-फानन में अस्पताल ले गई लेकिन लोगों की दुआएं भी उसे बचा नहीं सकी.

"कल बालू घाट से आ रहे थे तब बच्चे की रोने की आवाज सुने. लड़का खूब चिल्ला रहा था. हमने उसे बाहर लाने की खूब कोशिश की. हाथ में रस्सी बांधकर खींचे लेकिन कुछ नहीं हुआ. कल 12 बजे एनडीआरएफ टीम आई और ड्रील करने की बात हुई. ऊपर से नहीं हो पाया इसलिए स्लैब को नीचे से तोड़ा गया. "- ग्रामीण

बच्चे को निकालने के लिए एनडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन की टीम ने एड़ी चोटी का जोर लगा दिया. एप्रोच रोड का स्लैब बुलडोजर से तोड़ा गया. इस दौरान बच्चे को दूसरे तरफ से पिलर जहां से खुला था, वहां से ऑक्सीजन की सप्लाई की जा रही थी.

Last Updated : Jun 8, 2023, 11:12 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details