नई दिल्ली: केरल सरकार का यह हलफनामा बीजेपी सदस्य और एडवोकेट अश्विनी उपाध्याय की एक याचिका के जवाब में आया है, जिसमें केंद्र और राज्यों को रोहिंग्या सहित अवैध प्रवासियों की पहचान करने और उन्हें निर्वासित करने का निर्देश देने की मांग की गई थी.
राज्य ने न्यायालय को सूचित किया कि पिछले पांच वर्षों की अवधि में राज्य में रोहिंग्याओं के खिलाफ अनैतिक व्यापार (रोकथाम) अधिनियम, 1956 का कोई मामला दर्ज नहीं किया गया.
केरल में कोई सीमा पार खतरे का अंदेशा नहीं थी जबकि राज्य में तटीय क्षेत्र हैं. हलफनामा के मुताबिक संबंधित अधिकारियों को तटीय पुलिस, कदलोरा जागृता समिति (kadalora Jagratha Samithi) और तट रक्षक के प्रभावी सहयोग से समुद्री मार्ग से अवैध प्रवासियों की आमद पर कड़ी नजर रखने के लिए सख्त निर्देश दिए गए हैं.
राज्य ने कहा कि पश्चिम बंगाल, असम, बिहार और झारखंड से बड़ी संख्या में प्रवासी केरल आते हैं और इसलिए संबंधित अधिकारियों को अवैध प्रवासियों की आमद को रोकने के लिए उनकी पहचान सत्यापित करने के निर्देश जारी किए गए हैं.