उत्तराखंड में जल प्रलय से 12 लोगों की मौत देहरादून (उत्तराखंड):उत्तराखंड में हर तरफ भारी बारिश हो रही है. यह बारिश कई जगहों पर कहर बनकर बरस रही है. जिससे तबाही भी देखने को मिल रही है. प्रदेश में जगह-जगह बोल्डर और मलबा आने से सड़कें बाधित हैं. ऐसे में लोग जहां तहां फंसे हुए हैं. चारधाम यात्रा भी बुरी तरह से प्रभावित हो गई है. बारिश की वजह से हालात कमोवेश हिमाचल प्रदेश के जैसे हो गए हैं. जहां बारिश ने जमकर तबाही मचाई है.
उत्तरकाशी में चार यात्रियों की जान गईःउत्तरकाशी में गंगोत्री से लौट रहे यात्रियों के तीन वाहन मलबे की चपेट में आ गए. जिसमें चार यात्रियों की मौत मौके पर ही मौत हो गई. जबकि, कई यात्री घायल हो गए. उधर, अल्मोड़ा में भी एक शिक्षक की जान कार हादसे में चली गई. इसके अलावा कई जगहों पर लोग हादसे से बाल-बाल बचे हैं.
त्यूनी में उफान पर टोंस नदी
पौड़ी के चौबट्टाखाल में मकान तिनके की तरह नदी में समाईःचौबट्टाखाल के बीरोंखाल के कुणजोली गांव में जयपाल सिंह का मकान नदी में समा गया. गनीमत रही है बारिश के डर से पूरा परिवार पहले ही बाहर आ गया था. जिससे बड़ा हादसा टल गया. पोखड़ा के पूर्व ब्लॉक प्रमुख सुरेंद्र सिंह रावत ने प्रशासन से मांग की है कि पीड़ित परिवार की मदद की जाए. इससे पहले कुणजोली को डेंजर जोन में रखा गया है. यहां अभी भी कई मकानों को नदी के कटाव से खतरा है.
पौड़ी में 37 मोटर मार्गों पर यातायात ठपःपौड़ी में भारी बारिश के चलते जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित हो गया है. बारिश के चलते पौड़ी में 37 मोटर मार्गों पर यातायात ठप है. डीएम आशीष चौहान ने श्रीनगर से सटे सिरोबगड़ पहुंचकर भूस्खलन क्षेत्र का जायजा लिया. इस मौके पर डीएम ने आपदा की घटनाओं की सूचना के लिए आपदा प्रबंधन केंद्र का जायजा लिया. जहां केंद्र में फैली अव्यवस्थाओं पर डीएम ने कर्मचारियों को जमकर फटकार लगाई.
पौड़ी में नदी में समाया मकान
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घरों में घुसा बरसती पानीः पौड़ी के नगर पंचायत सतपुली के विकास मोहल्ले में लोगों के घरों में बरसाती पानी भर गया. जिससे लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. भारी बारिश के चलते नालों और सड़कों से होता हुआ पानी स्थानीय जयकृत सिंह रावत के भवन में घुस गया. जिससे घर में चारों तरफ मलबा ही मलबा पसर गया. वहीं, थानाध्यक्ष सतपुली लाखन सिंह ने बताया कि पुलिस और एसडीआरएफ की टीम ने पूरे परिवार को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट करा दिया है.
नयार नदी के उफान पर आने से मजदूरों ने भाग कर बचाई जानःकोटद्वार में बहने वाली मालन नदी, सुखरो नदी, पनियाली गदेरा, गेवई स्रोत नदी खतरे के निशान को छू रही है. सतपुली तहसील क्षेत्र में पूर्वी नयार नदी भी उफान पर है. पूर्वी नयार नदी पर बन रहे पंपिंग योजना पर काम कर रहे मजदूरों ने भाग कर किसी तरह से अपनी जान बचाई. मजदूरों ने बताया कि पूर्वी नयार में पंपिंग योजना को भारी नुकसान हुआ है. वहीं, द्वारीखाल ब्लॉक का मुख्यालय भवन भी क्षतिग्रस्त हो गया.
टिहरी डीएम मयूर दीक्षित ने संभाली कमानःटिहरी जिले में बीती चार दिनों से लगातार हो रही बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. बारिश से जिले की 63 से ज्यादा ग्रामीण सड़कें बंद हो गई. जिसे ग्रामीणों का संपर्क कट गया है. आज टिहरी डीएम मयूर दीक्षित ने आपदा प्रबंधन केंद्र में जाकर खुद ही बैठकर कमान संभाली और बंद सड़कों के बारे में जानकारी ली. बारिश के अलर्ट को देखते हुए आज जिले में कक्षा 1 से कक्षा 12वीं तक के सभी स्कूल बंद किए गए हैं.
खानपुर विधायक उमेश कुमार ने ग्रामीणों का किया रेस्क्यूः बारिश के कारण खानपुर विधानसभा क्षेत्र के मिलाप नगर, गोल भट्टा और मोहनपुरा का इलाका पूरी तरीके से जलमग्न हो गया है. इसी बीच खानपुर विधायक उमेश कुमार को सूचना मिली कि एक परिवार अपनी छत पर चारों तरफ पानी आने से फंस गया है. जिसका संज्ञान लेते हुए उमेश कुमार खुद मौके पर पहुंचे और लोगों का रेस्क्यू किया.
बागेश्वर में 10 ग्रामीण मोटर मार्ग बाधित, करीब 20 हजार की आबादी प्रभावितःबागेश्वर जिले में मूसलाधार बारिश के चलते 10 ग्रामीण मोटर मार्ग जगह-जगह मलबा आने से बाधित है. जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी शिखा सुयाल की मानें तो सूपी झूनी मोटर मार्ग मलबा आने से बंद है, जिसके 20 जुलाई तक खुलने की संभावना है. काफलीकमेड़ा मोटर मार्ग, कंधार रौल्याना मोटर मार्ग, गरूड़ धैना मोटर मार्ग, हरसीला सीमा मोटर मार्ग, भयूं गुलेर मोटर मार्ग बंद चल रहे हैं. वहीं, बागेश्वर गिरेछीना मोटर मार्ग भी बोल्डर आने से बाधित है.
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हल्द्वानी में खतरे में रेलवे ट्रैकःहल्द्वानी रेलवे स्टेशन का ट्रैक खतरे की जद में है. रेलवे ट्रैक पर भूस्खलन का खतरा पैदा हो गया है. भारी बारिश के चलते रेलवे ट्रैक की जमीन का एक हिस्सा गौला नदी में समा गया है. जिसके चलते रेलवे ट्रैक पर खतरा मंडरा रहा है. जिससे रेलवे के अधिकारियों में हड़कंप मच गया है. रेलवे की ओर से पटरियों को लोहे की तारों से बांध दिया गया है. साथ ही जेसीबी मशीन लगाकर ट्रैक को बोल्डर के जरिए सुरक्षित किया जा रहा है, ताकि रेलवे ट्रैक को पानी में बहने से रोका जा सके.
हरिद्वार में घर में फंसी गर्भवती की बचाई जानः हरिद्वार के पीपली गांव में एक गर्भवती महिला के लिए एसडीआरएफ जवान देवदूत बने हैं. घर में पानी भर जाने से एक गर्भवती महिला समेत एक बुजुर्ग दंपत्ति और एक बालक फंस गए थे. जिनके रेस्क्यू के लिए एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची और उन्हें राफ्ट की सहायता से सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया. वहीं, कोर कॉलेज अंडर पास सड़क और आसपास जलभराव होने से कई लोग फंस गए थे. उनका भी रेस्क्यू किया गया.
उत्तराखंड में अब तक 12 मौतःमुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड आने वाले यात्रियों से अपील की है कि फिलहाल मौसम साफ न होने तक सफर न करें. आपदा कंट्रोल विभाग भी लोगों से यही अपील कर रहा है कि अगर जरूरी न हो तो घरों से बाहर न निकले. उत्तराखंड में अब तक 5 दिनों के भीतर 12 लोगों की मौत हो चुकी है. जिसमें ज्यादातर हादसे पहाड़ी बोल्डर गिरने की वजह से हुई है.
भारी बारिश में गंगाजल लेकर निकले कांवड़िएःबारिश की वजह से एम्स ऋषिकेश में पानी भर गया. जिससे डॉक्टरों और मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा. वहीं, भारी बारिश में भी कांवड़ियों का उत्साह कम नहीं हुआ. हालांकि, बारिश की वजह से शिव भक्तों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा. कमर तक पानी में भी कंधे पर कांवड़ लिए भक्त आगे बढ़ते दिखे.