जयपुर : राजस्थान में लॉन्ग टर्म वीजा पर आए विदेशी नागरिकों की गुमशुदगी ने आंतरिक सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है. टूरिस्ट वीजा या लॉन्ग टर्म वीजा पर बड़ी संख्या में प्रदेश में आए विदेशी नागरिकों का कुछ पता नहीं है. राजस्थान की गहलोत सरकार प्रदेश में लंबे समय से लापता चल रहे 110 पाक अल्पसंख्यकों को तलाशने में अब तक नाकाम रही है. गारंटर पर शिकंजा कसने के बाद भी यह पता नहीं चल प रहा है कि आखिर लापता पाक नागरिक कहां छिपे हैं और यह क्या कर रहे हैं.
भारत-पाकिस्तान के बीच हमेशा से ही रिश्ते कुछ खास बेहतर नहीं रहे हैं. 70 सालों से दोनों देशों के बीच लगातार तनातनी का माहौल बना है. पाक की नापाक हरकतें किसी से छिपी नहीं हैं. भारत में तमाम आतंकी वारदातों को पाक ने अंजाम दिया है. यही कारण रहा है कि भारत में विदेशी नागरिकों के आने-जाने पर कई नियम लागू किये गए हैं, लेकिन इन दिनों भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की नींद इसलिए उड़ी हुई है क्योंकि लॉन्ग टर्म वीजा पर आए कई विदेशी नागरिक लापता हैं.
देश में लाखों की संख्या में लापता इन विदेशी नागरिकों की तलाश के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को सूची दे रखी है. बड़ी संख्या में विदेशी नागरिक लापता हैं लेकिन अभी भी 110 विदेशी नागरिक लापता हैं. कानून के जानकारों की माने तो इन लापता विदेशी नागरिकों को लेकर इसलिए चिंता ज्यादा बढ़ जाती है क्योंकि यह सभी नागरिक पाकिस्तान के हैं.
जानकर कहते हैं कि कोई भी विदेशी नागरिक लॉन्ग टर्म वीजा पर आता है तो उसे नियमों के तहत पूरी जानकारी देनी होती है. इसमें बताना होता है कि वह हिंदुस्तान में किसके यहां रहेगा, किस कारण से आ रहा है, कब तक हिंदुस्तान में रहेगा, भारत में उसका गारंटर कौन है. इसके बावजूद अगर 110 पाक नागरिक लापता हैं तो यह आंतरिक सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है.
गारंटर को भी नहीं पता कहां गए पाक नागरिक
वैसे तो इन लोगों के वीजा पर गारंटर के हस्ताक्षर हैं. राज्य सरकार ने लापता लोगों को ढूंढने के लिए गारंटर को पाबंद किया है, लेकिन चिंता की बात यह है कि गारंटर भी यह नहीं बता पा रहे हैं कि यह लोग कहां चले गए. राज्य के गृह विभाग से केन्द्र सरकार को मासिक रिपोर्ट भेजी जाती है. इस रिपोर्ट में स्वीकार किया गया है कि प्रदेश में अभी भी 110 पाक नागरिक लापता हैं जिनको सरकार ढूंढने के लिए लगातार प्रयास कर रही है.
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अनिल गोठवाल कहते हैं कि कई बार ऐसा भी होता है कि पड़ोसी देश से जासूसी के लिए इसी तरह से नागरिकों को भारत भेजा जाता है. वह यहां रह कर देश की आंतरिक जानकारियां पड़ोसी मुल्क को देते हैं. इसके अलावा कई बार ऐसा भी हुआ है कि तस्करी के मामलों में इसी तरह के वीजा पर आए लोग संलिप्त होते हैं. गोठवाल कहते हैं 110 पाक नागरिकों का नहीं मिलना बेहद चिंता की बात है. सरकार को पूरी सतर्कता और गंभीरता से ऐसे नागरिकों की तलाश करनी चाहिए. क्योंकि यह देश की सुरक्षा का सवाल है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय राज्य सरकार को बार-बार इस बात के निर्देश देता रहा है कि वह लापता पाक विस्थापितों की तलाश जल्द करें, लेकिन जिस तरह से राज्य के गृह विभाग के अधिकारी और यहां की सुरक्षा जांच एजेंसियां इन्हें तलाशने में नाकाम साबित हो रहीं हैं. उसने प्रदेश की आंतरिक सुरक्षा को लेकर भी कई सवाल खड़े कर दिए हैं. ऐसे में जरूरी है कि सरकार और जांच एजेंसियां इस संवेदनशील मुद्दे की गंभीरता को समझें और प्रदेश में किसी भी तरह की कोई बड़ी अनहोनी घटना हो , उससे पहले इन लापता विदेशी नागरिकों को तलाश करें.